यह 'सेफ सिटी' और आधुनिक यातायात प्रबंधन परियोजना ग्रेटर नोएडा को और सुरक्षित बनाने के लिए शुरू की गई है। इस परियोजना के तहत शहर में कुल 2700 से ज़्यादा कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे सिर्फ निगरानी के लिए ही नहीं होंगे, बल्कि ये आधुनिक तकनीक से लैस होंगे जो यातायात को भी सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे। इन सभी कैमरों को लगाने का काम नए साल में शुरू होने की उम्मीद है।परियोजना के लिए तीन बड़ी कंपनियां, एल एंड टी, एनईसी और रेलटेल, दौड़ में हैं। इन सभी कंपनियों ने तकनीकी परीक्षण पास कर लिया है और अब डेमो का दौर चल रहा है। सोमवार को एल एंड टी टेक्नॉलजी सर्विसेज ने अपना डेमो दिखाया। प्राधिकरण के सीनियर मैनेजर अश्विनी चतुर्वेदी ने बताया कि एल एंड टी ने डेमो दे दिया है और अन्य कंपनियां भी जल्द ही अपना डेमो देंगी।
डेमो के बाद, इन कंपनियों के काम का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा। जो कंपनी इस डेमो में सफल होगी, उसका चयन इसी महीने कर लिया जाएगा। यह चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, ग्रेटर नोएडा में कैमरे लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
कैमरे शहर के 350 से ज़्यादा महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए जाएंगे। इनमें सभी गोलचक्कर, बाज़ार, सरकारी दफ्तर, सेक्टरों के प्रवेश द्वार और शहर के एंट्री पॉइंट शामिल हैं। परी चौक, एलजी गोलचक्कर, अमृतपुरम, सेक्टर पी-थ्री, सूरजपुर, गौड़ चौक, अल्फा कॉमर्शियल बेल्ट, जगत फार्म जैसे कई प्रमुख स्थानों पर भी कैमरे लगेंगे। इन कैमरों की मदद से शहर में होने वाली हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नज़र रखी जा सकेगी।
इस पूरी परियोजना का कंट्रोल रूम अथॉरिटी के दफ्तर में ही बनाया जाएगा। इससे सभी कैमरों की निगरानी एक ही जगह से हो सकेगी और किसी भी घटना पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी। ट्रैफिक पुलिस की मदद से उन जगहों को चिन्हित कर लिया गया है जहाँ कैमरे लगाने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। यह परियोजना ग्रेटर नोएडा को एक स्मार्ट और सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।




