Crackdown On Illegal Infiltrators In Meerut List Prepared Id Verification Begins Detention Center Preparation Underway
घुसपैठियों की लिस्ट पर काम शुरू, ID चेक होंगी
नवभारत टाइम्स•
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन ने अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की सूची बनानी शुरू कर दी है। 52 बस्तियों का सर्वे कर करीब 6500 लोगों को चिन्हित किया गया है। 3200 लोगों की आईडी सत्यापन के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस को भेजी गई है। मेरठ में 500 लोगों की क्षमता वाला डिटेंशन सेंटर बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश के बाद जिला प्रशासन ने अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान का काम तेजी से शुरू कर दिया है। मेरठ में 52 झुग्गियों और मलिन बस्तियों का सर्वे किया गया है, जिसमें करीब 1600 परिवारों के लगभग 6500 लोगों को चिन्हित किया गया है। इनमें से 3200 लोगों के नाम दर्ज कर उनकी पहचान की पुष्टि के लिए दूसरे राज्यों की पुलिस को जानकारी भेजी गई है। इन घुसपैठियों को रखने के लिए डिटेंशन सेंटर (नजरबंदी केंद्र) बनाने की जगह तलाशी जा रही है, जिसकी जिम्मेदारी डीएम वी के सिंह ने नगर आयुक्त को सौंपी है। यह डिटेंशन सेंटर गाजियाबाद के नंदग्राम की तरह 500 लोगों की क्षमता वाला होगा, जहां इन अवैध घुसपैठियों को रखा जाएगा। उन्हें खाने-पीने और इलाज की सुविधा भी दी जाएगी, साथ ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी रहेगी।
एसएसपी विपिन टाडा ने बताया कि 3200 लोगों की आईडी की जानकारी सत्यापन के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस के पास भेजी गई है। उन्होंने कहा, "आईडी सत्यापन से ही स्पष्ट होगा कि यह प्रवासी है या विदेशी नागरिक।" उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों ने अपनी आईडी नहीं दी है, उनके नाम भी रजिस्टर में दर्ज कर लिए गए हैं। यह पता चला है कि इनमें से ज्यादातर लोग असम, बंगाल, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से आए हुए हैं। पहचान पत्र की जांच से ही यह साफ हो पाएगा कि वे भारत के नागरिक हैं या किसी दूसरे देश से आए हुए हैं।जिला प्रशासन इस मामले को लेकर काफी गंभीर है और किसी भी तरह की ढील नहीं बरतना चाहता। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद से ही इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। सर्वे के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं, जिससे प्रशासन की चिंताएं और बढ़ गई हैं। डिटेंशन सेंटर बनने के बाद इन लोगों को वहां रखा जाएगा और उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। यह कदम देश की सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि कोई भी अवैध घुसपैठिया देश में न रह सके।