Si Caught Red handed Taking 15 Lakh Bribe Dismissed From Service
रिश्वतखोरी में SI सेवा से बर्खास्त
नवभारत टाइम्स•
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फरीदाबाद में रिश्वतखोरी का बड़ा मामला सामने आया है। डेढ़ लाख रुपये लेते हुए पकड़े गए सब-इंस्पेक्टर सुमित कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपी तत्कालीन थाना प्रभारी नरेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है।
फरीदाबाद में एक बड़े रिश्वतकांड का खुलासा हुआ है। धौज थाने के सब-इंस्पेक्टर सुमित कुमार को डेढ़ लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया और उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। वहीं, 15 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोपी तत्कालीन थाना प्रभारी नरेश कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है। यह कार्रवाई सोमवार को डीसीपी मुख्यालय अभिशेष जोरवाल ने की। यह पूरा मामला कुरुक्षेत्र के एक प्रोफेसर का है, जिन्होंने अपनी कंपनी के कर्मचारियों को बचाने के लिए पुलिस को रिश्वत दी थी।
कुरुक्षेत्र के प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले मनोज कुमार ने अंबाला एंटीकरप्शन ब्यूरो (एसीबी) को शिकायत दी थी। मनोज कुमार ने बताया कि वह नेक्सा जीपीएस एंड प्रोडक्ट ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के मालिक हैं। उनकी कंपनी नवंबर 2023 से गाड़ियों में जीपीएस लगाने का काम कर रही है। 8 सितंबर को धौज के रहने वाले राहुल ने मनोज की कंपनी के खिलाफ थाना धौज में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने सितंबर 2025 में कंपनी के एक कर्मचारी नफीस को गिरफ्तार कर लिया था।मनोज कुमार ने आरोप लगाया कि थाना धौज के इंचार्ज नरेश कुमार ने उन पर दबाव बनाया। उन्होंने कंपनी की महिला कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की धमकी दी और रिश्वत मांगी। इस धमकी के चलते मनोज कुमार ने एसएचओ नरेश कुमार को 15 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर दिए। इसके अलावा, उन्होंने एसआई सुमित कुमार को भी एक लाख रुपये दिए।
एसीबी की टीम ने पिछले शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने एसआई सुमित कुमार को थाना धौज के पास स्थित यश फार्म हाउस के आसपास से डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। गिरफ्तार किए गए एसआई सुमित कुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में नीमका जेल भेज दिया गया है। इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी नरेश कुमार पर 15 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप है, जिसके चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है और विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। यह घटना पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को दर्शाती है।
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