बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला, हाउसिंग सोसायटियों में ट्रांसफर फीस 25,000 रुपये से अधिक नहीं हो सकती

नवभारत टाइम्स
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि हाउसिंग सोसायटियां मेंबरशिप ट्रांसफर के लिए 25 हजार रुपये से ज्यादा नहीं ले सकतीं। कोर्ट ने एक सोसायटी के दो लोगों को मेंबरशिप न देने का आदेश रद्द कर दिया। वेलफेयर फीस के नाम पर ज्यादा पैसे वसूलने पर कोर्ट ने रोक लगा दी है।

Court Order

मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक आदेश में स्पष्ट किया है कि हाउसिंग सोसायटी मेंबरशिप ट्रांसफर फीस के रूप में 25 हजार रुपये से अधिक नहीं ले सकती है। मुंबई की एक सोसायटी के दो लोगों को मेंबरशिप न देने के आदेश को खारिज कर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। वेलफेयर फीस न देने पर दुकान खरीदने वाले दो लोगों को सोसायटी ने सदस्यता नहीं दी थी।

ट्रांसफर फीस के अलाव कोई भी राशि वसूलने पर लगाई रोक

जस्टिस एन.जे जमादार ने कहा कि वेलफेयर फीस मेंबरशिप ट्रांसफर के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक रकम वसूलने का बहाना है। कानून में ट्रांसफर फीस के अलाव कोई भी राशि वसूलने पर रोक लगाई गई है। दो लोगों ने तीर्थंकर दर्शन को-ऑपरेटिव सोसायटी में दुकान खरीदी थी। दोनों ने ट्रांसफर फीस और आवेदन शुल्क का भुगतान किया था। मगर सोसायटी ने उनके नाम पर मेंबरशिप ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया था।

शर्तो के तहत वेलफेयर फीस देना जरूरी है

सोसायटी ने दावा किया था कि दोनों ने मेंबरशिप के निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया है। शर्तो के तहत वेलफेयर फीस देना जरूरी है। इस संबंध में सोसायटी की जनरल बॉडी मीटिंग में प्रस्ताव पारित किया है। दोनों सदस्यों ने सदस्यता के लिए निर्धारित शर्तो का पालन नहीं किया था, इसलिए उनके सदस्यता के आवेदन पर विचार नहीं किया गया था।

दोनो लोग सोसायटी के रुख से नाराज

सोसायटी के रुख से नाराज दोनों लोगों ने डिस्ट्रिक्ट डिप्टी रजिस्ट्रार के पास आवेदन किया था। डिप्टी रजिस्ट्रार ने साल 2023 में सोसायटी को दोनों को सदस्यता देने का निर्देश दिया। इसके खिलाफ सोसायटी ने डिवीजनल जॉइंट रजिस्ट्रार (कोकण डिवीजन) के पास अपील की। 25 फरवरी 2025 को सोसायटी का आवेदन खारिज हो गया, जिसे सोसायटी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।


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