लोअर परेल वर्कशॉप में 20 साल से पूजी जा रही एक ही गणेश प्रतिमा, 2005 में तैयार हुई यह प्रतिमा

Authored byएनबीटी डेस्क|नवभारत टाइम्स
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मुंबई के लोअर परेल वर्कशॉप में एक अनोखी गणेश प्रतिमा स्थापित है। यह प्रतिमा पिछले 20 सालों से पूजी जा रही है। पश्चिम रेलवे ने इसे कबाड़ सामग्री से बनाया था। साल 2005 में पुराने मेटल के पुर्जों से इसे तैयार किया गया। वर्कशॉप में हर मंगलवार को आरती होती है। गणेश उत्सव के दौरान यहां विशेष रौनक रहती है।

Metal Ganesh Reborn
AI Image, सांकेतिक तस्वीर(फोटो- TIL Creatives)

मुंबई : लोअर परेल वर्कशॉप में 20 साल से एक ही गणेश प्रतिमा की पूजा होती है। पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का परिचय देते हुए, पश्चिम रेलवे के लोअर परेल वर्कशॉप ने करीब 20 साल पहले पूरी तरह कबाड़ सामग्री से एक अनोखी गणपति प्रतिमा तैयार की थी। 2005 में तैयार हुई यह प्रतिमा, पुराने मेटल के पुर्जों और अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग करके बनाई गई थी, जो पर्यावरण के प्रति उनकी जागरूकता को दर्शाता है। साथ ही, रीसाइक्लिंग को बढावा भी देता है।

2 बार इसकी जगह में बदलाव किया गया

वर्कशॉप पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि सालों से से यह मंदिर यहीं है। 2 बार इसकी जगह में बदलाव भी किया गया था। हर मंगलवार यहां आरती भी होती है। गणेश उत्सव के दौरान तो यहां अलग ही रौनक होती है। दिन यहां का माहौल रौनकनुमा होता है। रेलवे प्रशासन ने इसे ‘ग्रीन सेलिब्रेशन’ का नाम दिया है और कहा है कि भविष्य में भी इस तरह के नवाचारों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

‘प्रकृति को नुकसान नहीं’

पर्यावरण के विषय में काम करने वाले एक विशेषज्ञ रोहित खारडुल ने बताया कि मिट्टी, कागज, नारियल के रेशे, प्राकृतिक रंग और फूलों जैसे पर्यावरण-अनुकूल सामग्री से तैयार की गई गणपति प्रतिमाएं न केवल देखने में सुंदर हैं, बल्कि प्रकृति को नुकसान भी नहीं पहुंचाती हैं।
एनबीटी डेस्क

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