पनवेल के तहसीलदार विजय पाटील को जमीन घोटाले के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। राजस्व विभाग ने यह आदेश जारी किया। पाटील पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। एक जांच कमिटी ने पाटील को निलंबित करने की सिफारिश की थी। उन पर जमीनों को गैर-कृषि प्रमाणपत्र जारी करने का आरोप है।
पनवेल: राज्य सरकार ने आदेश जारी कर पनवेल के तहसीलदार विजय पाटील को निलंबित कर दिया है। राजस्व और वन विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि पाटील ने सेवा अवधि में गंभीर लापरवाही बरती और जमीन संबंधी नियमों का उल्लंघन किया। जमीन घोटाले के संबंध में जांच कमिटी का गठन किया गया था। कमिटी की सलाह पर पाटील को निलंबित किया गया है। हालांकि, अब तक कमिटी की जांच पूरी नहीं हुई है, लेकिन पाटील जांच को प्रभावित न कर सकें, इसलिए उन्हें निलंबित किया गया है।
औद्योगिक प्रयोजन के नाम पर खरीदी जमीन का दुरुपयोग
बता दें कि 2007 मेरेथॉन पनवेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने पनवेल तालुका के वारदोली, पोयंजे, भिंगारवाडी, भिंगार, पाली बुद्रुक और भेरले गांव में जमीनें खरीदी थीं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि कृषि भूमि को औद्योगिक कार्य के लिए बेचा गया है। जांच में सामने आया कि पाटील ने जमीनों को गैर-कृषि प्रमाणपत्र जारी कर दिया। इससे औद्योगिक प्रयोजन के नाम पर खरीदी गई जमीन का दुरुपयोग हुआ और बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आईं। स्थानीय लोगों के आरोपों के बाद तहसीलदार के खिलाफ विभागीय जांच बिठाई गई है।
निलंबन अवधि के दौरान निर्वाह भत्ता दिया जाएगा
निलंबन अवधि में उन्हें रायगड जिला कार्यालय में नियमित तौर पर जाना पड़ेगा। वह जिलाधिकारी की अनुमति के बिना रायगड से बाहर नहीं जा सकेंगे। उन्हें निलंबन अवधि के दौरान निर्वाह भत्ता दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए उन्हें यह प्रमाणित करना होगा कि वह कोई निजी रोजगार या व्यापार नहीं कर रहे हैं।
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