ठाणे आयुक्तालय में नियमानुसार टोइंग न होने का आरोप, विभाग ने नकारा

Authored byएनबीटी डेस्क|नवभारत टाइम्स
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ठाणे में टोइंग वैन कर्मचारियों पर आरोप लगे हैं। आरटीआई से पता चला है कि चरित्र प्रमाण पत्र फर्जी हैं। अजय जेया ने कहा कि कर्मचारी आईडी कार्ड नहीं पहनते और कैमरे खराब हैं। डीसीपी पंकज शिरसाट के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। ट्रैफिक विभाग ने गड़बड़ी से इनकार किया है।

ठाणे आयुक्तालय में नियमानुसार टोइंग न होने का आरोप, विभाग ने नकारा
(फोटो- नवभारत टाइम्स)

मुंबई : शहर में ट्रैफिक विभाग के टोइंग वैन पर कार्यरत कर्मचारियों को लेकर नए आरोप लग रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अजय जेया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आरटीआई के तहत जानकारी मिली है कि कर्मचारियों के चरित्र प्रमाण पत्र फर्जी हैं। इसके साथ ही, वे आईडी कार्ड नहीं पहनते हैं और वैन पर लगे कैमरे भी खराब क्वालिटी के हैं।

डीसीपी ने टोइंग को लेकर नियमावली की जारी

बुधवार को जया ने बताया कि डीसीपी पंकज शिरसाट ने टोइंग को लेकर नियमावली जारी की है, लेकिन टोइंग वैन पर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी और टोइंगकर्मी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वैन पर जो कैमरे लगे हैं, उनकी क्वालिटी ठीक नहीं है। उसमें एकदम खराब फोटो कैद होती है, उसमें कुछ साफ़ नहीं दिखाई देता है। ऐसे में, कैमरा लगाना महज खानापूर्ति करना है। हालांकि, ट्रैफिक विभाग ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है।

कई लोगों का पता अधूरा है

जया ने दावा किया कि ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों के चरित्र प्रमाणपत्र को लेकर आरटीआई के तहत उन्हें जो जानकारी मिली है, वह चौंकाने वाली है। जया ने कोपरी, मुंब्रा-कौसा, कासरवडवली का हवाला देते बताया कि एक ही पते, एक ही घर के नाम पर 8 से 10 लोगों का चरित्र प्रमाणपत्र बनाया गया है। कई लोगों का पता अधूरा है। कई कर्मचारियों के पते पर छानबीन की गई, तो पाया गया कि वे वहां रहते ही नहीं हैं। जया का आरोप है कि पुलिस की तरफ से इन कर्मचारियों के पते की कोई जांच नहीं की गई है और फर्जी तरीके से चरित्र प्रमाणपत्र मुहैया किए गए हैं। ऐसे में, कर्मचारियों के आपराधिक रिकॉर्ड छिपाए गए हैं।


एनबीटी डेस्क

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