Jharkhand Foundation Day Anger Of Agitators Demand For Pension Hike And Better Health Facilities
झारखंड के 25 साल: राज्यhood आंदोलन के सिपाहियों की कमीशन और माँगें
TOI.in•
Subscribe
झारखंड के 25वें स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से नाराजगी जताई है। उन्होंने अपनी पेंशन राशि बढ़ाने और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की मांग की है। आंदोलनकारियों का कहना है कि वर्तमान पेंशन राशि महंगाई के इस दौर में गुजारा करने के लिए अपर्याप्त है। उपायुक्त ने मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
झारखंड के स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों ने जताई नाराजगी, कहा- सरकार ने नहीं पूरे किए वादे। राज्य की 25वीं वर्षगांठ पर धनबाद में आयोजित समारोह में आंदोलनकारियों ने कहा कि उनकी कुर्बानियों का उचित सम्मान नहीं मिला। उन्हें मिलने वाली मासिक पेंशन सिर्फ 3,500 रुपये है, जो उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं है।
आंदोलनकारियों ने सरकार से पेंशन बढ़ाने की मांग की है। जगत महतो ने कहा कि पेंशन कम से कम 10,000 रुपये होनी चाहिए। वहीं, हाफिजउद्दीन अंसारी ने 15,000 रुपये मासिक पेंशन और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे आंदोलनकारियों को गरिमापूर्ण जीवन जीने में मदद मिलेगी।धनबाद के उपायुक्त आदित्य रंजन ने आंदोलनकारियों की मांगों को राज्य सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी आंदोलनकारियों को प्राथमिकता के आधार पर इलाज मिलेगा। यह घोषणा राज्य के स्थापना दिवस समारोह के दौरान की गई, जहां आंदोलनकारियों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की।
राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि उन्होंने अलग राज्य के लिए बहुत संघर्ष किया, लेकिन अब उन्हें वह सम्मान नहीं मिल रहा जिसकी वे हकदार हैं। 3,500 रुपये की पेंशन आज के महंगाई के दौर में गुजारा करने के लिए नाकाफी है। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी पेंशन राशि बढ़ाए और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान करे।
उपायुक्त आदित्य रंजन ने आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने की मांग को सरकार के सामने रखने की बात कही है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलनकारियों को सरकारी और निजी अस्पतालों में प्राथमिकता से इलाज मिले, इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे। यह कदम आंदोलनकारियों को राहत पहुंचा सकता है।
Storiesकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर