नासिक स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य संगठनों को गुणवत्ता प्रमाणन के लिए दी डेडलाइन

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महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने स्वास्थ्य संस्थानों को अगले साल मार्च तक राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाणन प्राप्त करने का निर्देश दिया है। मरीजों को बेहतर साफ-सफाई, भोजन और इलाज मिले, यह सुनिश्चित किया जाएगा। प्रयोगशाला रिपोर्ट 24 घंटे में मिलनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में दवा आपूर्ति और एंटीबायोटिक उपयोग के नियमों का सख्ती से पालन होगा।

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महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश आबिटकर ने नासिक क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अगले साल मार्च तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक ( National Quality Assurance Standards ) प्रमाणन प्राप्त करने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि मरीजों को दी जाने वाली साफ-सफाई, भोजन, इलाज और दवाओं में कोई समझौता नहीं होना चाहिए, चाहे वह सब-सेंटर हो या सिविल अस्पताल। केंद्रीय सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को जल्द से जल्द हासिल करने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों का रैंडम निरीक्षण किया जाना चाहिए।

नासिक क्षेत्र के उप निदेशक स्वास्थ्य डॉ. कपिल अहेर ने बताया कि मंत्री ने यह भी कहा है कि प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर उपलब्ध कराई जानी चाहिए। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर या प्राथमिक सेवाओं में देरी एक गंभीर समस्या है और इसे सामूहिक जिम्मेदारी स्वीकार करके सुधारा जाना चाहिए।
मंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में दवा आपूर्ति श्रृंखला में आने वाली बाधाओं को तुरंत दूर करने और एंटीबायोटिक्स के उपयोग के नियमों का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत अनुबंध पर काम करने वाले और आउटसोर्स किए गए कर्मचारियों के वेतन का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए भी कहा।

यह बैठक नासिक, अहिल्यानगर, नंदुरबार, जलगांव और धुले जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ अहिल्यानगर जिले के लोनी में आयोजित की गई थी। मंत्री का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे गुणवत्ता के मामले में कोई ढील न बरतें और सुनिश्चित करें कि हर मरीज को सही और समय पर इलाज मिले।

डॉ. अहेर ने बताया कि मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे ग्रामीण इलाकों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें और यह भी देखें कि एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल सही तरीके से हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत काम करने वाले कर्मचारियों को उनका हक समय पर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी को वेतन के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारी पूरी लगन से अपना काम कर सकें।