पुलिस को घटनास्थल से कोई पिस्तौल या उसका कोई भी हिस्सा नहीं मिला है। इससे यह पता चलता है कि भले ही कारतूस मिले हैं, लेकिन जिस हथियार से इन्हें चलाया गया था, वह अभी तक पकड़ा नहीं गया है। अधिकारी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ये कारतूस उस जगह पर कैसे पहुंचे और क्या संदिग्ध के पास ये थे। 9mm कारतूसों का मिलना जांच में एक नया मोड़ ले आया है। एजेंसियां अब इन गोलियों के स्रोत का पता लगा रही हैं और किसी भी आतंकवादी या आपराधिक गिरोह से इसके संबंध की जांच कर रही हैं। सुरक्षा टीमों ने धमाके वाली जगह के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की है और वहां से फोरेंसिक सबूत भी इकट्ठा किए हैं।10 नवंबर को लाल किले के पास हुए इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। इस धमाके के एक दिन पहले, दिल्ली पुलिस ने लाल किले में हुए धमाके की जांच के संबंध में आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत एक नई एफआईआर दर्ज की थी। यह नई एफआईआर 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए कार धमाके के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई थी। इस बीच, लाल किले के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अधिकारी सभी प्रवेश द्वारों और आसपास के इलाकों में कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
शुक्रवार को, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने जम्मू-कश्मीर के चार डॉक्टरों - डॉ. मुजफ्फर अहमद, डॉ. अदील अहमद राथेर, डॉ. मुज़म्मिल शकील और डॉ. शाहीन सईद - का रजिस्ट्रेशन तुरंत प्रभाव से इंडियन मेडिकल रजिस्टर/नेशनल मेडिकल रजिस्टर से रद्द कर दिया था। सभी राज्य मेडिकल परिषदों को इस फैसले की जानकारी दे दी गई है। इन चारों डॉक्टरों के नाम मेडिकल परिषदों से हटाने का आदेश जारी किया गया है, जो 14 नवंबर, 2025 से लागू होगा। दिल्ली पुलिस ने पहले ही डॉ. अदील अहमद राथेर, डॉ. मुज़म्मिल शकील और डॉ. शाहीन सईद को दिल्ली धमाके के मामले में गिरफ्तार कर लिया है, क्योंकि उनका कथित तौर पर पिछले आतंकवादी मामलों से संबंध था।
जांच एजेंसियों ने गुरुवार को खुलासा किया कि लगभग आठ संदिग्धों ने चार जगहों पर एक साथ धमाके करने की योजना बनाई थी। हर जोड़ी को एक खास शहर का निशाना सौंपा गया था। शुरुआती जांच से पता चलता है कि आरोपी जोड़ी में काम करने वाले थे, और हर जोड़ी के पास एक साथ कई धमाके करने के लिए कई इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IEDs) थे। दिल्ली पुलिस ने पुष्टि की है कि लाल किले के पास कार धमाका डॉ. उमर उन नबी ने किया था। यह पुष्टि फोरेंसिक डीएनए टेस्टिंग से हुई, जिसमें उनके जैविक नमूने उनकी मां के नमूने से मेल खाए।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने डॉ. उमर और डॉ. मुज़म्मिल से दूरी बना ली है। यूनिवर्सिटी ने कहा है कि संस्था का उनके आधिकारिक पदों के अलावा आरोपियों से कोई संबंध नहीं है और न ही कैंपस में कोई संदिग्ध रसायन या सामग्री इस्तेमाल या स्टोर की जाती है। फोरेंसिक टीमों ने धमाके वाली जगह से डीएनए, विस्फोटक और अन्य सबूत इकट्ठा किए हैं ताकि उनकी विस्तृत जांच की जा सके। अब यह जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है।
इसके अलावा, शुक्रवार देर रात नौगाम पुलिस स्टेशन में एक अलग घटना में, एक आकस्मिक विस्फोट हुआ जिसमें नौ पुलिसकर्मी मारे गए और 32 अन्य घायल हो गए। इस विस्फोट से इमारत और आसपास की संरचनाओं को भारी नुकसान हुआ।
