शिवसेना (UBT) के पुणे इकाई प्रमुख संजय मोरे ने बताया, "हमने मिलकर बैठकें शुरू कर दी हैं ताकि नगर निगम चुनावों के लिए अपनी पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा तय किया जा सके। फिलहाल यह बातचीत सिर्फ शिवसेना (UBT) और MNS के पदाधिकारियों के बीच चल रही है। MVA के अन्य सहयोगियों के साथ भी इस पर चर्चा की जाएगी।"हाल ही में शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई व MNS प्रमुख राज ठाकरे ने मुंबई में एक गुप्त बैठक की थी। इस बैठक का मकसद नगर निगम चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देना था। इस मुलाकात के बाद, मुंबई, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली और नासिक में दोनों पार्टियों के पदाधिकारियों को स्थानीय स्तर पर एक-दूसरे से बातचीत शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, दोनों पार्टियों ने बातचीत शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी की ओर से MNS को MVA में शामिल करने का कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं आया है।
यह दिलचस्प है कि ठाकरे बंधुओं ने यह बातचीत ऐसे समय में शुरू की है जब कांग्रेस, MNS के गैर-मराठी लोगों के प्रति आक्रामक रुख के कारण उसे MVA में शामिल करने का विरोध कर रही है। कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने तो हाल ही में यह भी घोषणा कर दी थी कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनावों में अकेले ही उतरेगी। इसके बाद मुंबई कांग्रेस के पदाधिकारियों ने NCP (SP) प्रमुख शरद पवार से मिलकर BMC चुनावों में उनका समर्थन मांगा।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, शरद पवार कांग्रेस को नगर निगम चुनावों में MNS को साथ लेने के लिए जोर दे रहे हैं। कांग्रेस अभी भी MNS को MVA में शामिल करने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन शिवसेना (UBT) द्वारा अपने कोटे की सीटें MNS के साथ साझा करने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है।
एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य ने कहा, "MVA के कुछ सदस्यों का मानना है कि गठबंधन को बरकरार रखना चाहिए ताकि नगर निगम चुनावों में वोटों का बंटवारा न हो। जबकि कांग्रेस सिद्धांत रूप में MNS को MVA में शामिल करने का विरोध कर रही है, राज की पार्टी हमारे गठबंधन सहयोगी शिवसेना (UBT) के साथ सीटें साझा कर सकती है, जिससे गठबंधन में कोई बाधा नहीं आएगी। उद्धव की पार्टी को जो भी सीटें मिलेंगी, वे MNS के साथ साझा की जा सकती हैं। इस विकल्प पर अंतिम निर्णय MVA समन्वय समिति की बैठक में लिया जाएगा।"
यह स्थिति दिखाती है कि MVA में सीटों के बंटवारे को लेकर अंदरूनी तौर पर काफी मंथन चल रहा है। कांग्रेस का विरोध एक तरफ है, वहीं शिवसेना (UBT) और MNS के बीच तालमेल बिठाने की कोशिशें भी जारी हैं। यह देखना अहम होगा कि अंतिम फैसला क्या होता है और इसका नगर निगम चुनावों पर क्या असर पड़ता है।
