पटना का कालिदास रंगालय: अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ कला का नया अध्याय

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पटना का कालिदास रंगालय अब विश्व स्तरीय प्रदर्शन स्थल बनने जा रहा है। सात करोड़ रुपये के बजट से इसका कायाकल्प हो रहा है। ऑडिटोरियम वातानुकूलित होगा, आरामदायक कुर्सियां लगेंगी। कलाकारों के लिए नया ग्रीन रूम और बड़ा स्टेज तैयार होगा। यह थिएटर कला के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेगा।

patnas kalidas rangalaya a new chapter of art with state of the art facilities
पटना: बिहार की कला और संस्कृति का अहम हिस्सा रहा पटना का कालिदास रंगालय अब पूरी तरह से बदल जाएगा। दशकों से कलाकारों और कला प्रेमियों का पसंदीदा यह थिएटर अब एक वर्ल्ड-क्लास परफॉर्मिंग आर्ट्स वेन्यू बनने जा रहा है। 7 करोड़ रुपये के बजट से हो रहे इस कायाकल्प में थिएटर को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे कलाकारों और दर्शकों दोनों को एक शानदार अनुभव मिलेगा। उम्मीद है कि अगले साल जनवरी के अंत तक यह काम पूरा हो जाएगा।

इस बड़े रेनोवेशन में कालिदास रंगालय के पूरे ऑडिटोरियम को एयर कंडीशनर बनाया जा रहा है। यह कलाकारों और दर्शकों के लिए एक बड़ी राहत होगी, खासकर गर्मियों में जब तेज गर्मी से कलाकारों का मेकअप पिघल जाता था और दर्शक भी परेशान हो जाते थे। अब यहां 300 आरामदायक पुश-बैक कुर्सियां लगाई जाएंगी। साथ ही, लकड़ी का फर्श, बेहतरीन लाइटिंग और साउंड सिस्टम के साथ-साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए जाएंगे। इन सब के लिए जरूरी सामान कोलकाता और दिल्ली से मंगवाया जा रहा है ताकि क्वालिटी में कोई कमी न रहे।
कलाकारों के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी है कि उनका ग्रीन रूम अब पूरी तरह से बदल जाएगा। यह नया ग्रीन रूम खास तौर पर उनकी जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। इसमें सभी जरूरी सुविधाएं होंगी और एक अटैच्ड वॉशरूम भी होगा। इसके अलावा, स्टेज का आकार भी काफी बढ़ाया जा रहा है। अब यह 55 फीट लंबा और 43 फीट चौड़ा होगा। इसे इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि यह अलग-अलग तरह के नाटकों की मांगों को पूरा कर सके। यह स्टेज देश के बड़े थिएटरों की तर्ज पर बनाया जा रहा है और इसमें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। भविष्य में इसमें LED स्क्रीन और 3D सेट लगाने की भी सुविधा होगी।

यह रेनोवेशन बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट द्वारा किया जा रहा है। आर्ट, कल्चर और यूथ डिपार्टमेंट ने इसके लिए 7 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। बिहार आर्ट थिएटर के जनरल सेक्रेटरी कुमार अभिषेक रंजन ने बताया कि इन सुधारों का मुख्य मकसद उन मुश्किलों को दूर करना है जिनका सामना कलाकार लंबे समय से कर रहे थे। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि कालिदास रंगालय ऐसा थिएटर बने जहां कलाकारों को पूरा सपोर्ट मिले और दर्शक भी वर्ल्ड-क्लास अनुभव का आनंद ले सकें।"

रंजन ने आगे बताया कि सिविल का काम लगभग पूरा हो चुका है और अब फिनिशिंग टच दिया जा रहा है। फिलहाल, ध्वनिक पैनलिंग (acoustic panelling), लाइट और साउंड का काम बाकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह काम अगले कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि दर्शकों और विजिटर्स के लिए 'अन्नपूर्णा' नाम का एक कैफे भी बनाया जाएगा। साथ ही, दूसरे शहरों से आने वाले कलाकारों और वर्कशॉप के लिए आने वाले गेस्ट फैकल्टी के ठहरने के लिए एक गेस्ट हाउस की भी योजना है।

बिहार आर्ट थिएटर के वाइस प्रेसिडेंट अरुण कुमार सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि इस थिएटर को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने के साथ-साथ इसकी ऐतिहासिक विरासत को भी बनाए रखा जाएगा। कालिदास रंगालय बिहार के सबसे सक्रिय सांस्कृतिक स्थलों में से एक रहा है, जहां साल में कम से कम 300 दिन नाटक होते थे।

अपने शुरुआती दिनों में खुले मंच पर प्रदर्शनों से लेकर एक प्रिय ऑडिटोरियम बनने तक, कालिदास रंगालय बिहार के थिएटर आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इन व्यापक सुधारों के साथ, यह थिएटर एक नए और रोमांचक अध्याय में प्रवेश करने के लिए तैयार है। यह आने वाली पीढ़ियों के कलाकारों और कला प्रेमियों के लिए परंपरा और आधुनिकता का एक शानदार संगम पेश करेगा।

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