निगम की लापरवाही बिगड़ रही द्वारका एक्सप्रेसवे की सूरत

नवभारत टाइम्स
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द्वारका एक्सप्रेसवे की सूरत बिगड़ रही है। नगर निगम के डंपरों से गिराया जा रहा कचरा बदबू और बीमारियों को न्योता दे रहा है। एनएचएआई ने नगर निगम को पत्र लिखकर आगाह किया है। भारी वाहन कचरे के साथ सड़क को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह हाईटेक सड़क अवैध डंपिंग से अपनी पहचान खो रही है।

dwarka expressway garbage dump negligence of corporation worsening the condition of high tech road
गुड़गांव : करोड़ों की लागत से बना शानदार द्वारका एक्सप्रेसवे अब कूड़े के ढेर में तब्दील होता जा रहा है। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से लेकर खेड़कीदौला तक, एक्सप्रेसवे के किनारे जगह-जगह कचरे के पहाड़ बन गए हैं। नगर निगम के डंपरों से गिराया जा रहा यह कचरा न सिर्फ बदबू फैला रहा है, बल्कि बीमारियों को भी दावत दे रहा है। इस हाईटेक सड़क पर फैली गंदगी राहगीरों और वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है और एक्सप्रेसवे की छवि को भी धूमिल कर रही है। एनएचएआई ने नगर निगम को कई बार पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है।

एनएचएआई ने नगर निगम मानेसर और नगर निगम गुड़गांव को इस गंभीर समस्या के बारे में आगाह करने के लिए पत्र लिखे थे। इसके बावजूद, स्थिति जस की तस बनी हुई है। एनएचएआई की निर्माण एजेंसी एलएंडटी ने साफ तौर पर बताया है कि नगर निगम के इलाकों से उठाया गया कूड़ा एक्सप्रेसवे के आसपास डंप किया जा रहा था। अब तो यह कचरा सीधे डंपरों से एक्सप्रेसवे पर ही गिरने लगा है।
भारी भरकम डंपर चलते-चलते एक्सप्रेसवे पर कचरा गिराते जा रहे हैं। इससे न केवल सड़क की सुंदरता बिगड़ रही है, बल्कि भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क को नुकसान पहुंचने का खतरा भी बढ़ गया है। अधिकारियों का कहना है कि अगर यही हाल रहा, तो यह शानदार एक्सप्रेसवे कुछ ही समय में पूरी तरह बदहाल हो जाएगा।

द्वारका एक्सप्रेसवे को बहुत ऊंचे मानकों के हिसाब से बनाया गया है। निर्माता कंपनी का कहना है कि इस एक्सप्रेसवे को हाई स्टैंडर्ड मानकों के अनुसार बनाया गया है। लेकिन अवैध रूप से कूड़ा फेंकने की वजह से इसकी पहचान और खूबसूरती दोनों बर्बाद हो रही हैं। कचरे के कारण मच्छर बढ़ रहे हैं, बदबू फैल रही है और संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे हालात किसी भी बड़े शहर के लिए बहुत शर्मनाक हैं।

एनएचएआई ने नगर निगम से साफ तौर पर कहा है कि एक्सप्रेसवे के किनारे जमा कूड़े को तुरंत हटाया जाए। अवैध डंपिंग को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाए और नियमित रूप से सफाई अभियान चलाया जाए। ऐसा इसलिए ताकि इस सड़क की पहचान बनी रहे। लेकिन इन सब बातों के बावजूद, अब तक कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है।

यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि द्वारका एक्सप्रेसवे को दिल्ली और गुड़गांव के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए बनाया गया था। यह एक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक है। लेकिन कूड़े के ढेर इस सपने को तोड़ रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि अधिकारी इस समस्या पर जल्द ध्यान देंगे और एक्सप्रेसवे को फिर से साफ-सुथरा बनाएंगे। यह न केवल यात्रियों के लिए आरामदायक होगा, बल्कि शहर की छवि के लिए भी बेहतर होगा।

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