सर्दियों में यात्रियों के लिए स्टेशन पर हो रहे इंतजाम

नवभारत टाइम्स
Subscribe

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए सर्दियों के इंतजाम शुरू हो गए हैं। वेटिंग रूम की मरम्मत की जा रही है। आरपीएफ जवानों की गश्त बढ़ेगी। स्टेशन के बाहर रैन बसेरा भी बनाया जाएगा। कोहरे के कारण ट्रेनों की देरी से यात्रियों को ठंड में परेशानी न हो, इसके लिए यह व्यवस्था की जा रही है।

relief for passengers in winter special arrangements being made at ghaziabad station
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर बढ़ती ठंड को देखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। स्टेशन के वेटिंग रूम की खिड़कियों और दरवाजों की मरम्मत की जा रही है, ताकि ठंडी हवा अंदर न आ सके। साथ ही, यात्रियों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ जवानों की गश्त बढ़ाई गई है और स्टेशन के बाहर एक रैन बसेरा भी बनाया जा रहा है। यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि कोहरे के कारण देरी से चलने वाली ट्रेनों का इंतजार कर रहे यात्रियों को ठंड में परेशानी न हो।

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से हर दिन 200 से ज़्यादा ट्रेनें गुज़रती हैं और करीब 10,000 से ज़्यादा लोग सफर करते हैं। सर्दियों में कोहरे की वजह से अक्सर ट्रेनें लेट हो जाती हैं। ऐसे में, ठंड के मौसम में यात्रियों को स्टेशन पर इंतज़ार करना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए स्टेशन पर कई ज़रूरी काम किए जा रहे हैं।
स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए वेटिंग रूम में नए पर्दे लगाए जा रहे हैं। खिड़कियों के टूटे हुए शीशे बदल दिए गए हैं और जालियों को भी ठीक कर दिया गया है। इसका मकसद यह है कि ठंडी हवा वेटिंग रूम के अंदर न घुस पाए। इसके अलावा, वेटिंग रूम के अंदर बैठने की जगह बढ़ाई जा रही है और साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखा जा रहा है।

वहीं, आरपीएफ इंस्पेक्टर चेतन प्रकाश ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को सबसे ज़्यादा अहमियत दी जा रही है। इसी वजह से रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने स्टेशन पर अपनी गश्त बढ़ा दी है। इससे यात्री आसानी से ट्रेन में चढ़ और उतर सकेंगे।

यात्रियों की एक और बड़ी सुविधा के लिए गाजियाबाद प्रशासन स्टेशन के बाहर एक रैन बसेरा भी बनवा रहा है। यहां वे लोग रात में आराम से रुक सकेंगे, जिन्हें ट्रेन का इंतज़ार करना होगा या जो सफर के दौरान स्टेशन पर रुकेंगे। यह कदम यात्रियों को ठंड से बचाने और उन्हें सुरक्षित आश्रय देने के लिए उठाया गया है।

अगला लेख

Storiesकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर