पल भर में ही आग की लपटों को पहचान जानकारी देगी मशीन

नवभारत टाइम्स
Subscribe

आईएमटी एक्सपो-2025 में एक नया फायर फ्लेम डिटेक्शन सिस्टम दिखाया गया है। यह सिस्टम आग की लपटों को तुरंत पहचान लेगा। इसे स्पेक्ट्रम ग्रुप विकसित कर रहा है। यह इंडियन नेवी के लिए बनाया जा रहा है। यह जहाजों और संवेदनशील जगहों पर आग का खतरा कम करेगा। यह अल्ट्रावायलेट और इंफ्रारेड तकनीक का उपयोग करता है।

this ai system will detect fire flames in moments special for navy
फरीदाबाद आईएमटी एक्सपो-2025 में स्पेक्ट्रम ग्रुप ने एक ऐसा फायर फ्लेम डिटेक्शन सिस्टम दिखाया है जो आग की लपटों को धुआं उठने से पहले ही पहचान लेता है। यह खास वीडियो-आधारित एआई तकनीक इंडियन नेवी के लिए बनाई जा रही है, जिससे जहाजों और संवेदनशील जगहों पर आग का खतरा बहुत कम हो जाएगा। स्पेक्ट्रम ग्रुप के एमडी प्रमोद कुमार राणा ने बताया कि अमेरिका की एक बड़ी रक्षा टेक्नोलॉजी कंपनी के साथ हुए समझौते के तहत यह सिस्टम तैयार हो रहा है। कुछ पुर्जे अमेरिका से आ रहे हैं, बाकी भारत में बन रहे हैं। यह सिस्टम अल्ट्रावायलेट और इंफ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल करता है, जो आग को तुरंत पकड़ लेता है।

फरीदाबाद आईएमटी एक्सपो-2025 में स्पेक्ट्रम ग्रुप का फायर फ्लेम डिटेक्शन सिस्टम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। यह सिस्टम आग की लपटों को पलक झपकते ही पहचान लेता है। आईएमटी सेक्टर-68 स्थित स्पेक्ट्रम ग्रुप इस अनोखे वीडियो-आधारित एआई तकनीक को विकसित कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य इंडियन नेवी के लिए सुरक्षा बढ़ाना है। इस तकनीक से जहाजों और अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर आग लगने के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
स्पेक्ट्रम ग्रुप के एमडी, प्रमोद कुमार राणा ने इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी का अमेरिका की एक जानी-मानी रक्षा टेक्नोलॉजी प्रदाता कंपनी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। यह अमेरिकी कंपनी यूएस डिफेंस सेक्टर को फायर डिटेक्शन सिस्टम सप्लाई करती है। इस समझौते के तहत, कुछ जरूरी उपकरण अमेरिका से आयात किए जा रहे हैं। वहीं, बाकी के कंपोनेंट्स भारत में ही तैयार किए जा रहे हैं।

यह फायर डिटेक्शन सिस्टम खास तौर पर अल्ट्रावायलेट और इंफ्रारेड तकनीक का उपयोग करता है। इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह धुआं उठने से पहले ही आग का पता लगा लेता है। इसका मतलब है कि आग लगने की सूचना तुरंत मिल जाएगी और बचाव कार्य बहुत कम समय में शुरू हो सकेगा। इससे होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है।

इस उन्नत सिस्टम का इस्तेमाल कई जगहों पर किया जा सकता है। जैसे कि औद्योगिक भट्टियां, बॉयलर, पेट्रोलियम और गैस रिफाइनरी, और बड़े हवाई अड्डे। इन जगहों पर आग लगने का खतरा हमेशा बना रहता है। यह सिस्टम बड़ी आग लगने और विनाशकारी नुकसान को रोकने में बहुत मददगार साबित होगा। यह तकनीक सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा कदम है।

अगला लेख

Storiesकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर