तुलसी निकेतन में RWA की री-डिवेलपमेंट को लेकर हुई बैठक

Contributed byila|नवभारत टाइम्स
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भोपुरा के तुलसी निकेतन में आरडब्ल्यूए ने री-डिवेलपमेंट को लेकर बैठक की। लोगों का कहना है कि जीडीए ने एनबीसीसी के साथ करार से पहले कोई वार्ता नहीं की। करीब 400 मकानों पर ताले लगने से 20,000 लोगों के बेघर होने का डर है। आम सहमति बनी कि कानूनी राय ली जाएगी।

tulsi niketan re development rwa opens front against gdda and nbcc threat of 20000 people becoming homeless
भोपुरा तुलसी निकेतन के री-डिवेलपमेंट को लेकर सोमवार को RWA ने एक अहम बैठक की। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने NBCC कंपनी के साथ मिलकर इस कॉलोनी को फिर से बनाने का करार किया है। लेकिन, कॉलोनी के लोग और RWA इस बात से नाराज हैं कि करार से पहले GDA ने उनसे कोई बात नहीं की। लोगों को डर है कि कहीं 20,000 की आबादी को बेघर न कर दिया जाए, क्योंकि GDA लगभग 400 मकानों पर ताले लगा रहा है। इस समस्या का हल निकालने के लिए, आवंटी और RWA मिलकर कानूनी सलाह लेने का फैसला किया है।

RWA अध्यक्ष कुलदीप कसाना की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में निवासियों ने अपनी चिंताएं जाहिर कीं। उन्होंने मांग की कि पहले GDA खाली पड़ी जमीन पर मल्टी-स्टोरी टावर बनाए और फिर लोगों को वहां शिफ्ट करे। इसके अलावा, काम शुरू करने से पहले GDA अधिकारी, NBCC कंपनी, RWA और सभी जनप्रतिनिधियों की एक साथ बैठक बुलाई जाए। इस बैठक में महासचिव बलवंत रावत, राकेश गोयल, पवन बब्बर, राहुल गौतम, किशन रावत, संजय शर्मा और अन्य लोग मौजूद रहे।
लोगों का कहना है कि GDA ने बिना किसी बातचीत के यह करार कर लिया है। उन्हें इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं इस री-डिवेलपमेंट के चक्कर में उनकी 20,000 की आबादी बेघर न हो जाए। क्योंकि GDA की ओर से करीब 400 मकानों पर ताले लगाए जा रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए, सभी ने मिलकर कानूनी रास्ता अपनाने का फैसला किया है।

बैठक में यह भी तय हुआ कि GDA पहले खाली जमीन पर बड़े-बड़े फ्लैट्स (मल्टी-स्टोरी टावर) बनाए। जब ये तैयार हो जाएं, तब लोगों को एक-एक करके उनमें रहने के लिए भेजा जाए। साथ ही, किसी भी तरह का काम शुरू करने से पहले, GDA के अधिकारी, NBCC कंपनी के लोग, RWA के सदस्य और चुने हुए नेता एक साथ बैठकर बात करें। इससे सभी की चिंताओं को दूर किया जा सकेगा और आगे का रास्ता साफ होगा।

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