मुंबई में गणेशोत्सव की तैयारी पूरी हो गई है। इस साल छह फुट से कम ऊंची पीओपी मूर्तियों को कृत्रिम तालाबों में विसर्जित करने की अनुमति है। बीएमसी ने मुंबई में 280 कृत्रिम तालाब बनाने का फैसला किया है, जिनमें से 277 बनकर तैयार हैं। समुद्र तटों पर विसर्जन के लिए अलग से कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे।
मुंबई : मुंबई के सबसे बड़े धार्मिक त्यौहार गणेशोत्सव के लिए बीएमसी प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। मुंबई में गणेशोत्सव 27 अगस्त से 6 सितंबर के बीच मनाया जाएगा। इस साल 6 फुट से कम ऊंची पीओपी मूर्तियों को कृत्रिम तालाब ों में ही विसर्जन की अनुमति है। इसको देखते हुए बीएमसी ने इस साल मुंबई में 280 कृत्रिम तालाब बनाने का फैसला किया है। इसमें से 277 कृत्रिम तालाब बन कर तैयार हो गए हैं।
चौपाटियों पर बनेंगे कृत्रिम तालाब
बीएमसी के उपायुक्त प्रशांत सपकाले ने बताया, मुंबई में समुद्र के किनारे चौपाटियों और अन्य विसर्जन स्थलों पर कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे, जिससे वहां पहुंची पीओपी मूर्तियां को समुद्र में विसर्जन से रोका जा सके। साथ ही अन्य जो लोग छोटी मूर्तियों का कृत्रिम तालाबों में विसर्जन करना चाहें वह आसानी से कर सकें। मुंबई में यह पहली बार होगा जब समुद्र तटों पर विसर्जन के लिए अलग से कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे। गिरगांव चौपाटी पर 5 कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे। इसी तरह जुहू, मालाड के मढ, दादर, आरे सहित अन्य प्राकृतिक विसर्जन स्थलों पर कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे। वर्ष 2012 में जब कृत्रिम तालाबों की शुरुआत हुई, तब सिर्फ 27 थे। पिछले साल मुंबई में 205 कृत्रिम तालाब थे। वहीं, प्राकृतिक विसर्जन स्थल जो पहले 72 थे, वे अब 69 रह गए हैं, जहां लोग बड़ी संख्या में गणेश मूर्तियों का विसर्जन करते हैं।
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