OBC से ही आरक्षण चाहिए, यह जिद क्योंः छगन भुजबल

Authored byएनबीटी डेस्क|नवभारत टाइम्स
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छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण पर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि मराठा और कुनबी अलग जातियां हैं। पहले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण दिया गया था, जिससे मराठा समाज को फायदा हुआ। भुजबल ने ओबीसी आरक्षण को लेकर चिंता जताई है।

OBC से ही आरक्षण चाहिए, यह जिद क्योंः छगन भुजबल

मुंबई : भुजबल ने कहा कि अदालत ने साफ किया है कि मराठा और कुनबी एक नहीं, अलग-अलग जातियां हैं। मराठा समाज सामाजिक दृष्टि से पिछड़ा नहीं है। ऐसे में मराठा और कुनबी को एक नहीं किया जा सकता। आरक्षण की मांग को लेकर गुजरात में पाटीदार, राजस्थान में गुर्जर और हरियाणा में जाटों के मोर्चे निकले। इसके बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण का विकल्प सामने आया।

ओबीसी से ही आरक्षण क्यों चाहिए ?

केंद्र सरकार ने यह कानून बनाया कि जो समूह दलित, आदिवासी में नहीं आते, लेकिन वे आर्थिक और शिक्षा की नजर से पिछड़े हैं, लेकिन सामाजिक दृष्टि से नहीं, उनके लिए 10 प्रतिशत आरक्षण है। इस आरक्षण में 10 में से 8 मराठा समाज के उम्मीदवारों को फायदा हुआ। ईडब्ल्यूएस के बाद पाटीदार, जाट और गुज्जरों के आंदोलन थम गए। मराठा समाज को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग से 10% आरक्षण दिया गया है। उसे बचाए रखने की लड़ाई जारी है।

भुजबल ने कहा- सीमा लांघने पर जाएंगे कोर्ट

भुजबल ने सवाल किया कि फिर भी ओबीसी से ही आरक्षण चाहिए, यह जिद क्यों? उन्होंने कहा कि 50% से कम का आरक्षण सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों का है। ओबीसी को 27% आरक्षण है, जिसमें अब 17% बचा है। 6% भटक्या विमुक्त को और 2% गोवारी समाज को दिया गया। ओबीसी की 374 जातियां हैं, इसलिए मराठा समाज को हमारे बीच न डालें। इसी अनुरोध के साथ मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उस समय दोनों उपमुख्यमंत्री मौजूद थे। जिस दिन राज्य सरकार यह सीमा लांघेगी, अगले दिन हम अदालत जाएंगे और आंदोलन करेंगे। भुजबल ने कहा कि मराठी आंदोलनकारियों की मांगों को लेकर हमें कुछ नहीं कहना है।
एनबीटी डेस्क

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