सात साल में 3,000 से अधिक बच्चियों के दांतों का मुफ्त इलाज

Authored byएनबीटी डेस्क|नवभारत टाइम्स
Subscribe

मुंबई के पास कल्याण में डॉ. बृजेश पांडेय पिछले सात सालों से 14 साल तक की बच्चियों और सैनिकों के दांतों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं। उन्होंने अब तक 3,000 से ज्यादा बच्चियों का इलाज किया है। डॉ. पांडेय के अनुसार, बच्चों में दांतों की समस्याएँ आम हैं, जैसे कैविटी और टेढ़े-मेढ़े दांत।

सात साल में 3,000 से अधिक बच्चियों के दांतों का मुफ्त इलाज
(फोटो- नवभारत टाइम्स)

मुंबई : मुंबई से सटे कल्याण (पूर्व) के हाजी मलंग रोड पर स्थित डॉ. बृजेश पांडेय सिर्फ एक दंत चिकित्सक ही नहीं, बल्कि बेटियों और सैनिकों के लिए उम्मीद की किरण हैं। पिछले 7 साल से वह 14 साल तक की सभी बेटियों और देश के फौजियों के दांतों का इलाज मुफ्त में कर रहे हैं। उनका मानना है कि बेटियां दुर्गा का स्वरूप होती हैं, उसकी सेवा ही सच्ची पूजा है।

3,000 से अधिक बेटियों का हो चुका है इलाज

डॉ. पांडे बताते हैं कि यह संकल्प अचानक ही शुरू हुआ। एक बार एक महिला अपनी छोटी बच्ची का इलाज कराने आई थी। इलाज के बाद जब फीस देने की बारी आई, तो उसके पास पूरी रकम नहीं थी। उनके चेहरे पर संकोच साफ झलक रहा था। तभी मैंने उन्हें पैसे लौटाते हुए कहा, ‘बहन जी, 14 साल तक की बेटियों का इलाज मुफ्त करता हूं। उस दिन महिला को कोई झिझक नहीं हो, इसलिए फीस के लिए मुफ्त की बात कही थी, लेकिन उसी दिन से यह अभियान चल पड़ा और अब तक 3,000 से अधिक बेटियों का इलाज कर चुका हूं।’

बच्चों में दांत संबंधी समस्याएं आम

डॉ. पांडे के अनुसार, 4 से 14 साल की उम्र में बच्चों को कई तरह की दांतों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे आम समस्या होती है कैविटी (कीड़ा लगना)। गलत खान-पान, ज्यादा मीठा खाना और ब्रश की आदत न होना इसकी बड़ी वजह है। इसके अलावा, दांत टेढ़े-मेढ़े निकलना, दूध के दांत गिरने पर समय से दांत न आना, मसूड़ों की सूजन और दांतों का पीला पड़ना भी आम परेशानियां हैं। वह बताते हैं, ‘अगर बच्चों को समय पर सही इलाज न मिले, तो यह समस्या आगे चलकर और गंभीर हो सकती है। कई बार दूध के दांतों में कीड़ा लगने से स्थायी दांत भी खराब हो जाते हैं। माता-पिता को चाहिए कि बच्चों को नियमित चेकअप के लिए दंत चिकित्सक के पास लेकर जाएं।’


एनबीटी डेस्क

लेखक के बारे मेंएनबीटी डेस्कदेश, दुनिया, खेल की खबर हो या फिर सियासत के गलियारों की अंदर की बात, हर खबर आप तक पहुंचाता है NBT न्यूज डेस्क।... और पढ़ें

अगला लेख

Storiesकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर