मुंबई के शिक्षा विभाग ने स्कूलों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। अब सभी प्रस्ताव डिजिटल रूप में भेजे जाएंगे। जन्मतिथि सुधार और शिक्षक पदोन्नति जैसे काम ई-ऑफिस से ही होंगे। हेडमास्टर को आधिकारिक ईमेल से प्रस्ताव भेजना होगा। राज्य सरकार ने पहले भी यह सर्कुलर जारी किया था, पर अमल नहीं हुआ।
मुंबई: शिक्षा विभाग ने प्रशासनिक काम-काज को और अधिक पारदर्शी व सुगम बनाने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए शिक्षा विभाग की तरफ से सभी स्कूलों को सर्कुलर भेजा गया है। इसमें काम-काज संबंधी प्रस्ताव डिजिटल रूप में भेजने के लिए कहा गया है। विभाग ने कहा है कि अब सभी प्रस्ताव और पत्राचार केवल ई-ऑफिस के माध्यम से ही स्वीकार किए जाएंगे।
हेडमास्टर अपने आधिकारिक ई-मेल से प्रस्ताव भेजेंगे
शिक्षा विभाग के दक्षिण मुंबई की एजुकेशन इंस्पेक्टर वैशाली वीर के भेजे गए सर्कुलर में कहा गया है कि जन्मतिथि सुधार, जाति सुधार, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की पदोन्नति, निजी शालाओं की मान्यता, शाखा, विषय, क्लास की मान्यता, न्यायालयीन प्रकरण, वेतन-प्रस्ताव, पीएफ, एनपीएस नामांकन आदि कामों के प्रस्ताव सिर्फ ई-ऑफिस प्रणाली से ही स्वीकार किए जाएंगे। सर्कुलर में कहा गया है कि हेडमास्टर अपने आधिकारिक ई-मेल से प्रस्ताव भेजेंगे। प्रस्ताव पर मुख्याध्यापक या प्रभारी मुख्याध्यापक के हस्ताक्षर वाले कवरिंग लेटर होना अनिवार्य है। सभी कागज पर पेज नंबर लिखना अनिवार्य है और इसे 20 MB से कम पीडीएफ में भेजना होगा। सब्जेक्ट में स्कूल का नाम, यूडाइस नंबर, यूआरसी नंबर, वॉर्ड नंबर और प्रस्ताव का प्रकार बताना होगा। सभी दस्तावेज मुख्याध्यापक से सेल्फ अटेस्टेड होंगे। स्वीकृति मिलने के बाद आदेश और लेटर मेल पर ही भेजा जाएगा।
2 साल पहले ई-ऑफिस को लेकर जारी किया था सर्कुलर
मुंबई रीजनल जूनियर कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष एस.एल. दीक्षित ने कहा कि राज्य सरकार ने लगभग 2 साल पहले ई-ऑफिस को लेकर सर्कुलर जारी किया था। लेकिन, ठीक से अमल नहीं हुआ। वहीं, मुंबई विभाग के पूर्व उप-निदेशक संदीप संगवे के कार्यकाल में जब यूनियन की तरफ से मेल पर पत्राचार किया जाता था, तो उसे संज्ञान में नहीं लेते थे। संगवे निलंबित हैं और उनके खिलाफ जांच चल रही है।
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