कर्नाटका सूचना आयुक्त ने आरटीआई अधिनियम के तहत जानकारी प्रदान करने की दी सलाह

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कर्नाटक के सूचना आयुक्त ने अधिकारियों को आरटीआई के तहत समय पर जानकारी देने को कहा है। यह अधिनियम पारदर्शिता लाता है और भ्रष्टाचार को खत्म करता है। हसन जिले में आरटीआई आवेदनों पर तेजी से कार्रवाई हो रही है। राज्य सूचना आयोग ने अब तक करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है।

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कर्नाटक के राज्य सूचना आयुक्त रुद्रण्णा हर्टिकोटे ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी को तय समय सीमा के अंदर उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम प्रशासन में पारदर्शिता लाता है, जनता को जानकारी देता है और लोकतांत्रिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार को खत्म करने में मदद करता है। हर्टिकोटे ने यह बात हसन जिले में आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यशाला में कही, जहाँ जिला स्तरीय अधिकारियों और लोक सूचना अधिकारियों ने RTI अधिनियम के बारे में जागरूकता, संवाद और सही उपयोग पर चर्चा की।

हसन जिले में इस साल 1 जनवरी से 10 अक्टूबर तक 7,335 RTI आवेदन आए, जिनमें से 7,191 पर कार्रवाई हो चुकी है और 144 अभी भी लंबित हैं। पहले अपील स्तर पर 1,059 आवेदन पहुंचे, जिनमें से 984 का निपटारा हो गया और 75 लंबित हैं। हर्टिकोटे ने बताया कि अन्य जिलों की तुलना में हसन का प्रदर्शन संतोषजनक है। हालांकि, हसन जिले से 307 मामले अभी भी राज्य सूचना आयोग में दूसरी अपील के लिए लंबित हैं।
राज्य सूचना आयोग ने अब तक 10,719 मामलों में कुल 10.1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें से 3,084 कर्मचारियों ने 2.7 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हसन जिले में 217 अधिकारियों पर 18.9 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 45 मामलों में 4.4 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है। जब हर्टिकोटे ने पदभार संभाला था, तब आयोग में 55,498 आवेदन लंबित थे, जिन्हें नियमित सुनवाई के माध्यम से घटाकर 35,344 कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिलों का दौरा करके आवेदनों के निपटारे में तेजी लाने के लिए चर्चाएं चल रही हैं।

हर्टिकोटे ने इस बात पर जोर दिया कि RTI अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए नियमों को समझना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि फॉर्म 6(1) को पढ़ने से जानकारी देने और आवेदनों को प्रोसेस करने में मदद मिलती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे RTI अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों को नजरअंदाज न करें और 30 दिनों के भीतर जानकारी प्रदान करें। जानकारी को संकलित करने में देरी करने के बजाय, उपलब्ध कार्यालय की जानकारी तुरंत देनी चाहिए।

उन्होंने यह भी सलाह दी कि कार्यालय आने वाले नागरिकों के साथ विनम्रता से पेश आना चाहिए। हर्टिकोटे ने कहा, "RTI अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी हम सभी की है, जिससे आवेदकों को लाभ होगा।"

एक अन्य सूचना आयुक्त, राजशेखर एस, ने कहा कि जानकारी प्राप्त करना एक मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा, "कोई भी जानकारी देने से मना नहीं करना चाहिए, और तय समय सीमा के भीतर जानकारी देने से आवेदकों को फायदा होता है।"

यह प्रशिक्षण कार्यशाला हसन जिले के जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य सभी जिलों में प्रशिक्षण सत्र आयोजित करके अधिकारियों को प्रोत्साहित करना, बदलावों की समीक्षा करना और आयोग व अदालतों के फैसलों को फिर से देखना है। हर्टिकोटे ने बताया कि ऐसे प्रशिक्षण पहले ही 15 जिलों में आयोजित किए जा चुके हैं। यह कार्यशाला RTI अधिनियम के महत्व और इसके सही कार्यान्वयन पर प्रकाश डालती है, ताकि आम जनता को सरकारी कामकाज में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही मिल सके।

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