संविधान की शपथ लेकर और रक्तदान कर रचाई शादी, अनोखी मिसाल पेश की कपल ने

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ओडिशा के बेरहमपुर में प्रीतिपन्ना मिश्रा और बी भानु तेजा ने संविधान की शपथ लेकर शादी की। उन्होंने मेहमानों से तोहफे की जगह रक्तदान करने को कहा। इस पहल से 18 यूनिट खून इकट्ठा हुआ। यह शादी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की एक कोशिश है। यह जोड़ा समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बना है।

couple sets a unique example by getting married after taking oath of the constitution and donating blood
ओडिशा के बेरहमपुर में एक अनोखी शादी हुई, जहाँ एक जोड़े ने संविधान की शपथ लेकर सात फेरे लिए। इतना ही नहीं, उन्होंने मेहमानों से शादी के तोहफे की जगह रक्तदान करने की अपील की। प्रीतिपन्ना मिश्रा (40) और बी भानु तेजा (43) ने अपने खास दिन को यादगार बनाने के लिए रक्तदान शिविर में हिस्सा लिया। इस अनोखी पहल से प्रेरित होकर कई मेहमानों ने भी रक्तदान किया और कुल 18 यूनिट खून इकट्ठा हुआ।

प्रीतिपन्ना, जो हैदराबाद की एक प्राइवेट कंपनी में सिस्टम एनालिस्ट हैं, और भानु तेजा, जो बेंगलुरु में साइंटिस्ट हैं, ने अपने माता-पिता के समर्थन से सादगी से शादी करने का फैसला किया। प्रीतिपन्ना की माँ, बिद्युतप्रभा रथ, जो एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी और लेखिका हैं, ने बताया कि 2019 में उन्होंने अपने बेटे की भी ऐसी ही शादी करवाई थी। इस बार उन्होंने भानु के माता-पिता से गुजारिश की कि वे अपनी बेटी की शादी रीति-रिवाजों की जगह संविधान के तहत करवाएं। उन्होंने खुशी जताई कि उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया।
बिद्युतप्रभा रथ ने बताया कि प्रीतिपन्ना और भानु की मुलाकात हैदराबाद में एक सेमिनार के दौरान हुई थी और उन्हें प्यार हो गया। उन्होंने ही इस जोड़े को संविधान के नाम पर शादी करने के लिए प्रेरित किया। प्रीतिपन्ना ने कहा, "हमें उम्मीद है कि हमारी शादी एक मिसाल कायम करेगी और दूसरों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी।"

ह्यूमनिस्ट रैशनलिस्ट ऑर्गनाइजेशन (HRO) के गंजाम यूनिट के सदस्यों ने भी इस तरह की शादियों के आयोजन में मदद की। वे चाहते हैं कि और भी जोड़े जाति, कुंडली और दहेज जैसी बातों को दरकिनार कर शादी करें। HRO गंजाम यूनिट के सचिव, के नंदेशु सेनापति ने बताया कि पिछले पांच सालों में सिल्क सिटी में ऐसी कम से कम पांच शादियां हो चुकी हैं। यह शादी न सिर्फ एक नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की एक कोशिश भी है। इस तरह की शादियां दिखाती हैं कि प्यार और आपसी समझ किसी भी पारंपरिक बंधन से बढ़कर है। यह जोड़ा समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना है, जो दिखाता है कि शादी सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है।

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