सोसायटी में तोड़फोड़ करने का आरोप, चार लोगों पर केस दर्ज

नवभारत टाइम्स
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लोनीट्रॉनिका सिटी की सिग्नेचर रेजिडेंसी में बिल्डर और निवासियों के बीच तनातनी बढ़ गई है। बिल्डर के पार्टनर ने चार निवासियों पर सोसायटी में तोड़फोड़ का आरोप लगाया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इससे पहले निवासियों ने रजिस्ट्री न होने और बिल्डर की मनमानी के खिलाफ धरना दिया था।

loni allegation of vandalism in society case registered against four people on complaint of builder partner
लोनीट्रॉनिका सिटी में सिग्नेचर रेजिडेंसी के निवासी और बिल्डर के बीच विवाद गहरा गया है। बिल्डर के पार्टनर मांगेराम ने सोसायटी के चार निवासियों पर बैठक करने, गाली-गलौज करने और तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने चारों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह पूरा मामला बिल्डर की मनमानी, रुकी हुई रजिस्ट्री और सोसायटी की सुविधाओं में कमी को लेकर निवासियों के विरोध प्रदर्शन के बाद सामने आया है।

सिग्नेचर सिटी सोसायटी के बिल्डर संजीव चौधरी के पार्टनर मांगे राम, जो दिल्ली के दयालपुर के रहने वाले हैं, ने ट्रोनिका सिटी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सोसायटी में रहने वाले भीष्म त्यागी, मनोज तिवारी, राजेंद्र प्रसाद शर्मा और निशांत तिवारी ने 8 नवंबर को अन्य लोगों के साथ मिलकर एक बैठक की थी। इस बैठक के बाद, इन चारों लोगों ने बिल्डर के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, सोसायटी में लगे बैनर फाड़ दिए और तोड़फोड़ की। मांगेराम का यह भी आरोप है कि इन लोगों ने जबरन सोसायटी में लगे कैमरों को बंद करवा दिया और बिल्डर के ऑफिस के गेट पर ताला लगा दिया।
यह घटनाक्रम तब हुआ जब सिग्नेचर रेजिडेंसी के निवासी 8 नवंबर को बिल्डर की कथित मनमानी और फ्लैटों की रजिस्ट्री अटकी होने के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। निवासियों का कहना है कि साल 2020 से उनके फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हुई है। उनका यह भी आरोप है कि बिल्डर संजीव चौधरी ने सोसायटी की कार्यकारिणी समिति (एओए) पर जबरन कब्जा कर रखा है और सोसायटी के पैसों का इस्तेमाल अपनी मर्जी से कर रहे हैं।

निवासियों की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होतीं। सोसायटी में लिफ्टें बार-बार खराब हो जाती हैं, बिल्डिंग की दीवारें कमजोर हो गई हैं, पेंटिंग का काम अधूरा है और बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है। इन सब वजहों से निवासियों का जीवन और मुश्किल हो गया है।

सोसायटी के एक निवासी आरपी शर्मा ने इस मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा कि 8 नवंबर को हुए धरने की वजह से ही बिल्डर रिपोर्ट दर्ज कराकर सोसायटी के लोगों पर दबाव बनाना चाहता है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है और सच्चाई का पता लगाने की कोशिश कर रही है। यह विवाद अब पुलिस की जांच के दायरे में है और देखना होगा कि आगे क्या होता है।