हैपी रहे क्रिसमस और न्यू ईयर, क्लबों की जांच शुरू

नवभारत टाइम्स
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गोवा की घटना के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। क्रिसमस और न्यू ईयर पार्टियों के लिए नाइट क्लबों, बार और होटलों की सुरक्षा जांच शुरू हो गई है। डीएम ने सुरक्षा मानकों का पालन करने और अनुमति लेने के निर्देश दिए हैं। आपातकालीन निकास हमेशा खुले रहेंगे और सीसीटीवी चालू रहेंगे। लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी।

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गोवा के नाइट क्लब में 25 लोगों की मौत के बाद, जिला प्रशासन क्रिसमस और नए साल की पार्टियों में सुरक्षा को लेकर हरकत में आ गया है। डीएम के आदेश पर फायर, आबकारी और बिजली विभाग की टीमों ने नाइट क्लबों में जाकर व्यवस्थाएं जांचीं। साथ ही, डीएम मेधा रूपम ने नाइट क्लब, बार, होटल, रेस्तरां और मैरिज हॉल संचालकों के साथ बैठक कर सुरक्षा मानकों का पालन करने और अनुमति लेने के निर्देश दिए।

डीएम ने साफ कहा कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। क्रिसमस और नए साल पर होने वाले किसी भी कार्यक्रम के लिए प्रशासन से अनुमति लेना अब अनिवार्य है। साथ ही, सभी प्रतिष्ठानों को एक 'इमरजेंसी इंचार्ज' नियुक्त करना होगा और उसकी सूची प्रशासन को सौंपनी होगी।
आग लगने जैसी घटनाओं से बचने के लिए, डीएम ने अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता और उनके काम करने की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि आपातकालीन निकास (इमरजेंसी एग्जिट) हमेशा खुले और साफ-सुथरे होने चाहिए। प्रवेश और निकास द्वारों पर लाइटिंग साइनेज (रोशनी वाले संकेत) लगे होने चाहिए। सीसीटीवी कैमरे हर समय चालू रहने चाहिए। किसी भी तरह की ज्वलनशील सामग्री परिसर में नहीं होनी चाहिए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक योजना भी तैयार रखनी होगी।

डीएम ने प्राथमिक उपचार किट, पब्लिक एड्रेस सिस्टम (सार्वजनिक घोषणा प्रणाली) और दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं की अनिवार्यता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल (अभ्यास) और आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण बहुत जरूरी है। डीएम ने चेतावनी दी कि निरीक्षण जारी रहेगा और लापरवाही मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रतिष्ठानों को अपनी क्षमता के अनुसार ही भीड़ बुलानी होगी और तकनीकी मानकों व लाइसेंस की शर्तों का पालन करना होगा।

इस बैठक में एडीएम फाइनेंस अतुल कुमार, सीएफओ प्रदीप चौबे, जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार, विद्युत सुरक्षा के सहायक निदेशक रमेश कुमार और जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी भी मौजूद थे। यह कदम गोवा की दुखद घटना के बाद उठाया गया है, जहां एक नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना ने पूरे देश में नाइट लाइफ से जुड़ी जगहों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए थे। इसलिए, जिला प्रशासन ने पहले से ही एहतियाती कदम उठाने का फैसला किया है ताकि ऐसी कोई अनहोनी घटना न हो। सभी संचालकों को इन निर्देशों का पालन करना होगा ताकि आने वाले त्योहारों में लोग सुरक्षित रह सकें।

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