फायर NOC के बिना चल रहे सैकड़ों क्लब और कैफे

नवभारत टाइम्स
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गोवा की घटना के बाद गाजियाबाद दमकल विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग ने फायर NOC के बिना चल रहे क्लबों और कैफे की जांच शुरू की है। पहले दिन 40 रेस्तरां की जांच में 8 में खामियां मिलीं। सीढ़ियों पर सामान, लॉक इमरजेंसी एग्जिट और फायर सेफ्टी सिस्टम में खराबी पाई गई।

hundreds of clubs and cafes operating without fire noc in ghaziabad fire department on alert
गाजियाबाद दमकल विभाग गोवा के एक नाइट क्लब में हुई आग की घटना से सबक लेते हुए नए साल की पार्टियों को लेकर अलर्ट हो गया है। अपर पुलिस महानिदेशक अग्निशमन और आपात सेवा उत्तर प्रदेश के आदेश पर रविवार से शुरू हुए इस अभियान में पहले दिन 40 रेस्तरां की जांच की गई, जिनमें से 8 में खामियां मिलीं। सीढ़ियों पर सामान रखना, इमरजेंसी एग्जिट लॉक मिलना और फायर सेफ्टी सिस्टम में गड़बड़ी जैसी कमियां पाई गईं। इन रेस्तरां को नोटिस जारी कर जल्द सुधार करने की चेतावनी दी गई है। जांच में यह भी पता चला है कि जिले में कई क्लब, कैफे और रेस्तरां के पास खाद्य विभाग की अनुमति तो है, लेकिन दमकल विभाग की एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं है। यह खुलासा गोवा हादसे के बाद शुरू हुई जांच में हुआ है।

गोवा में हुई दुखद घटना के बाद, गाजियाबाद दमकल विभाग ने क्लबों, कैफे और रेस्तरां में आग से बचाव के इंतजामों की जांच शुरू कर दी है। इस अभियान के तहत, रविवार को 40 जगहों पर जांच की गई और 8 संचालकों को सुरक्षा खामियों के चलते नोटिस जारी किया गया। सोमवार को 7 और जगहों की जांच हुई, लेकिन किसी को नोटिस नहीं दिया गया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल ने बताया कि 15 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर बने क्लब, पब और रेस्तरां के लिए दमकल की एनओसी लेना अनिवार्य है। साथ ही, 500 वर्ग मीटर से ज्यादा कवर्ड एरिया वाले प्रतिष्ठानों को भी एनओसी लेनी होगी। इन जगहों पर आग बुझाने के उपकरण और अन्य सुरक्षा व्यवस्थाएं भी होनी चाहिए।
राहुल पाल ने आगे बताया कि जिले में कई रेस्तरां और क्लब ऐसे हैं जिनके पास दमकल विभाग की एनओसी नहीं है। यह स्थिति गोवा हादसे के बाद हुई जांच में सामने आई है। शासन के निर्देश पर यह अभियान चलाया जा रहा है, जो एक हफ्ते तक चलेगा। इस दौरान, क्लब, कैफे, बार और रेस्तरां में आग से बचाव के इंतजामों की बारीकी से जांच की जाएगी। अगर किसी भी जगह खामियां पाई जाती हैं, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह अभियान खासकर नए साल के जश्न के मद्देनजर चलाया जा रहा है, जब ऐसे प्रतिष्ठानों में भीड़ बढ़ने की आशंका रहती है। दमकल विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। सीढ़ियों पर सामान रखना एक बड़ी लापरवाही है, क्योंकि आपात स्थिति में यह लोगों के निकलने में बाधा डाल सकता है। इसी तरह, इमरजेंसी एग्जिट (आपातकालीन निकास) के दरवाजे लॉक मिलना जानलेवा साबित हो सकता है। फायर सेफ्टी सिस्टम में खामियां होने का मतलब है कि आग लगने की स्थिति में उसे नियंत्रित करना मुश्किल होगा।

एनओसी का मतलब है कि दमकल विभाग ने जांच की है और पाया है कि उस जगह पर आग से बचाव के सभी जरूरी इंतजाम मौजूद हैं। यह एक तरह की सरकारी मंजूरी है जो यह सुनिश्चित करती है कि प्रतिष्ठान सुरक्षित है। जिन प्रतिष्ठानों के पास यह एनओसी नहीं है, उन्हें जल्द से जल्द इसे प्राप्त करना होगा और अपनी सुरक्षा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना होगा। दमकल विभाग की यह कार्रवाई लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की जा रही है। यह अभियान न केवल नियमों का पालन करवाने के लिए है, बल्कि लोगों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए भी है।

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