बिना चीरा लगाए हार्ट का इलाज

नवभारत टाइम्स
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लखनऊ के टेंडर पाम हॉस्पिटल ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 75 वर्षीय महिला का बिना छाती खोले और बेहोश किए हार्ट का इलाज किया गया। माइट्रल वॉल्व की समस्या से जूझ रही महिला के लिए ओपन हार्ट सर्जरी जोखिम भरी थी। डॉ. गौतम स्वरूप की टीम ने एम-टीयर तकनीक से सिर्फ 40-45 मिनट में वॉल्व की मरम्मत की।

stitchless heart treatment 75 year old woman gets a new lease on life
लखनऊ: टेंडर पाम हॉस्पिटल ने एक 75 वर्षीय महिला का बिना चीर-फाड़ और बेहोश किए हार्ट का सफल इलाज किया है। यह महिला लंबे समय से माइट्रल वॉल्व से खून वापस लौटने की गंभीर समस्या से जूझ रही थी, जिसके कारण ओपन हार्ट सर्जरी उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती थी। डॉ. गौतम स्वरूप और उनकी टीम ने मात्र 40-45 मिनट में M-TEER (माय क्लिप) तकनीक का इस्तेमाल करके वॉल्व की मरम्मत कर दी। इस प्रक्रिया के तुरंत बाद महिला की सेहत में काफी सुधार हुआ और अगले ही दिन उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

यह अनोखी प्रक्रिया टेंडर पाम हॉस्पिटल में हुई, जहाँ डॉक्टरों ने एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जिससे मरीज को ओपन हार्ट सर्जरी के जोखिमों से बचाया जा सका। माइट्रल रिगर्जिटेशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल का माइट्रल वॉल्व ठीक से बंद नहीं होता, जिससे खून वापस दिल में चला जाता है। इस महिला को यह समस्या गंभीर रूप से थी।
डॉ. गौतम स्वरूप और उनकी टीम ने M-TEER (माय क्लिप) नामक तकनीक से इस समस्या का समाधान किया। यह तकनीक वॉल्व को ठीक करने के लिए एक छोटे क्लिप का उपयोग करती है। यह प्रक्रिया बहुत कम समय में, यानी 40 से 45 मिनट में पूरी हो गई।

इस नई तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह रहा कि मरीज को बेहोश करने की जरूरत नहीं पड़ी और न ही छाती खोलने की। इससे मरीज के लिए यह इलाज बहुत सुरक्षित और कम तकलीफदेह रहा।

प्रक्रिया के बाद मरीज की हालत में तुरंत सुधार देखा गया। अगले ही दिन, यानी 24 घंटे के अंदर, उन्हें अस्पताल से घर भेज दिया गया। यह इस बात का प्रमाण है कि यह इलाज कितना प्रभावी और सुरक्षित था।

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