Gurugrams Air Turns Very Bad Aqi Crosses 305 Serious Health Hazard
गुरुग्राम की हवा की गुणवत्ता और खराब: AQI 305 पर पहुंचा
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गुरुग्राम की हवा जहरीली हो गई है। शहर का AQI 305 पार कर गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता में खास सुधार की उम्मीद नहीं है। प्रदूषित कणों का फैलाव नहीं हो पा रहा है। PM2.5 कणों का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ा हुआ है।
गुरुग्राम की हवा शनिवार को और भी जहरीली हो गई। शहर का ओवरऑल AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 305 पर पहुंच गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। शुक्रवार को यह 278 था, जो 'खराब' श्रेणी में था। शहर के मॉनिटरिंग स्टेशनों में से गوالपहाड़ी में सबसे खराब AQI 384 दर्ज किया गया, यह भी 'बहुत खराब' श्रेणी में है। सेक्टर 51 और टेरी ग्राम में AQI क्रमशः 273 और 259 रहा, जो 'खराब' श्रेणी में आते हैं। विकास सदन का डेटा नहीं मिल पाया।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता में कोई खास सुधार की उम्मीद नहीं है। SAFAR (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के मुताबिक, खराब मौसम की वजह से प्रदूषित कणों का फैलाव नहीं हो पा रहा है। इसलिए अगले कुछ दिनों में शहर की हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी के बीच ऊपर-नीचे होती रहेगी। मौसम का पूर्वानुमान बताता है कि आसमान साफ रहेगा, लेकिन सुबह-सुबह धुंध या हल्की कोहरे की चादर छाई रह सकती है। उत्तर-पश्चिम से आने वाली हवाएं सुबह शांत रहेंगी, दिन में करीब 8kmph तक बढ़ेंगी, दोपहर में 12kmph तक पहुंचेंगी और शाम को फिर से 5kmph से नीचे चली जाएंगी। हवा की यह चाल दिन के ज्यादातर समय प्रदूषित कणों को फैलने से रोकेगी। रविवार को मिक्सिंग डेप्थ (प्रदूषित हवा की परत की ऊंचाई) करीब 1,300 मीटर और वेंटिलेशन इंडेक्स (हवा के फैलाव की क्षमता) 6,000 m²/s रहने की संभावना है।सबसे खतरनाक माने जाने वाले PM2.5 कणों का स्तर सभी स्टेशनों पर बहुत ज्यादा रहा। सेक्टर 51 में यह 416 µg/m³ दर्ज किया गया, जो WHO की सुरक्षित सीमा 15 µg/m³ से 27 गुना से भी ज्यादा है। इसके बाद गوالपहाड़ी में 414 µg/m³ और टेरी ग्राम में 307 µg/m³ रहा। PM10 कणों का पैटर्न भी ऐसा ही रहा। गوالपहाड़ी में यह 424 µg/m³, सेक्टर 51 में 419 µg/m³ और टेरी ग्राम में 235 µg/m³ दर्ज किया गया। विकास सदन से PM2.5 और PM10 दोनों का डेटा उपलब्ध नहीं था।
विशेषज्ञों का कहना है कि शहर पर एक साथ कई चीजें असर डाल रही हैं। एक तरफ शहर के अंदर का प्रदूषण (जैसे गाड़ियों का धुआं), दूसरी तरफ हवा का स्थिर रहना और तीसरी तरफ आसपास के इलाकों में पराली जलाने का बचा-खुचा असर। एक स्वतंत्र वायु गुणवत्ता विशेषज्ञ सचिन पंवार ने कहा, "हम पराली जलाने के असर के आखिरी दौर में हैं, और इसका असर, शहर में धूल और गाड़ियों के उत्सर्जन के साथ मिलकर प्रदूषण को और बढ़ा रहा है।" उन्होंने आगे कहा, "रविवार दोपहर से पश्चिमी हवाएं चलने की संभावना है और तापमान में भी थोड़ा बदलाव आ सकता है। इससे थोड़ी देर के लिए राहत मिल सकती है, क्योंकि हवा की दिशा बदलने से फंसे हुए प्रदूषित कणों को फैलने और स्थिर हवा को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। लेकिन यह सुधार बहुत थोड़े समय के लिए होगा - शहर की हवा की गुणवत्ता में कोई बड़ा या स्थायी बदलाव नहीं आएगा। 25 नवंबर से पहले किसी बड़े मौसम प्रणाली की उम्मीद नहीं है।"
यह स्थिति स्थानीय प्रदूषण, स्थिर हवा और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के असर का मिलाजुला नतीजा है। हवा की दिशा में बदलाव से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन यह राहत अस्थायी होगी।
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