यह प्रशिक्षण सिर्फ एक बार का नहीं है, बल्कि KSRTC हर महीने अपने सभी जिलों में, चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण, ड्राइवरों के लिए नियमित रूप से ऐसे सत्र आयोजित करता है। अब निगम ने प्रशिक्षण के नए तरीके भी अपनाए हैं, जैसे वीडियो प्रदर्शन। इन नई पहलों का मुख्य उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना, खर्चों को कम करना और ड्राइवरों में बेहतर ड्राइविंग की आदतें विकसित करना है।प्रशिक्षण में सिर्फ सड़क सुरक्षा के ही मुद्दे नहीं उठाए जाते, बल्कि ड्राइवरों के व्यवहार, बचाव ड्राइविंग (यानी, खतरे को पहले से भांपकर गाड़ी चलाना), सड़क नियमों का पालन, ड्राइवरों का रवैया और जीवनशैली, तकनीकी समझ और ऐसे ही कई अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी जोर दिया जाता है।
इस प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाने के लिए, KSRTC ने अनुभवी ड्राइवरों, हेड सुपरवाइजरों और सुपरवाइजरों की मदद ली है। ये विशेषज्ञ निगम के सभी डिवीजनों में ड्राइवरों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। वीडियो प्रदर्शन के अलावा, ये विशेषज्ञ बसों में बैठकर ड्राइवरों के गाड़ी चलाने के तरीके का बारीकी से निरीक्षण भी करते हैं। वे ड्राइवरों को ओवरटेक करते समय, ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए, दूसरी गाड़ियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखते हुए, ब्लाइंड स्पॉट (जहां से ड्राइवर को कुछ दिखाई नहीं देता) का ध्यान रखते हुए और मोबाइल फोन से ध्यान भटकाए बिना गाड़ी चलाने के बारे में सुधार के सुझाव देते हैं। प्रशिक्षण के दौरान अनावश्यक प्रतिस्पर्धा से बचने की भी सलाह दी जाती है। इसके साथ ही, काम के तनाव को कैसे प्रबंधित करें, सड़क पार करते समय बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान कैसे रखें, और पैदल चलने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों को भी कवर किया जाता है।
ड्राइवरों को ऐसी ड्राइविंग से बचने के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे शिकायतें या दुर्घटनाएं हो सकती हैं। उन्हें टायर प्रेशर की जांच करना, ईंधन की बचत करना, नशे में या थके हुए न होना, हर दिन यात्रा से पहले गाड़ी का निरीक्षण करना और यात्रियों को सुरक्षित तरीके से चढ़ाना-उतारना सिखाया जा रहा है।
KSRTC मैसूर के डिविजनल कंट्रोलर श्रीनिवास ने TOI से बात करते हुए बताया कि निगम ने अब सुरक्षित सड़क पार करने सहित कई विषयों को कवर करने वाले वीडियो प्रदर्शन प्रशिक्षण शुरू कर दिए हैं। साथ ही, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ड्राइवरों के लिए हर महीने नियमित रिफ्रेशर क्लास भी आयोजित की जा रही हैं।
लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई:
निगम ने लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं। ऐसे ड्राइवरों को छह महीने से लेकर दो साल तक के लिए निलंबित किया जा सकता है। इसके अलावा, उनके इंसेंटिव और सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य लाभों में भी कटौती की जाएगी। श्रीनिवास ने यह भी बताया कि अगर कोई ड्राइवर आउटसोर्सिंग के आधार पर नियुक्त किया गया है और वह लापरवाही से गाड़ी चलाकर दुर्घटना का कारण बनता है, तो उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा।

