पटना में लैंगिक हिंसा के खिलाफ 16 दिवसीय जागरूकता अभियान: महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण पर जोर

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पटना में लैंगिक हिंसा के खिलाफ 16 दिवसीय जागरूकता अभियान शुरू हुआ है। यह अभियान 10 दिसंबर तक चलेगा। इसका उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकना है। विभिन्न विभागों के सहयोग से यह अभियान चलाया जा रहा है। नुक्कड़ नाटकों और प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

16 day awareness campaign against gender violence in patna emphasis on womens safety and empowerment
पटना में 16 दिनों तक चलेगा लैंगिक हिंसा के खिलाफ जागरूकता अभियान, 10 दिसंबर तक चलेगा यह अभियान। जिलाधिकारी थियागराजन एसएम ने बताया कि यह अभियान मंगलवार से शुरू हुआ है और पूरे पटना जिले में चलेगा। इस अभियान में 'रन फॉर वुमेन', सेमिनार, रैली, प्रभात फेरी, साइकिल रैली, प्रतियोगिताएं, वर्कशॉप और नुक्कड़ नाटक जैसी कई गतिविधियां शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए सभी हितधारकों के बीच सामाजिक संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता बढ़ाना है। यह सब विभिन्न विभागों के आपसी तालमेल से किया जा रहा है।

यह कार्यक्रम सभी पंचायतों, प्रखंडों, उप-प्रमंडलों, स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों और आंगनवाड़ी केंद्रों में चलाए जा रहे हैं। नुक्कड़ नाटकों में खास तौर पर डिजिटल हिंसा और महिलाओं के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। प्रशिक्षण सत्रों में लैंगिक हिंसा की पहचान, घरेलू हिंसा की स्क्रीनिंग, मदद के लिए संपर्क करने की प्रक्रियाएं और 'she-box' पोर्टल, वन-स्टॉप सेंटर और हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा रही है। पुरुषों की लैंगिक हिंसा को रोकने में भूमिका पर भी चर्चा हो रही है।
जिलाधिकारी ने कहा, "एक आदर्श समाज बनाने के लिए प्रशासन लैंगिक हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस को प्राथमिकता देता है।" उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर घर तक हिंसा-विरोधी कानूनों की जानकारी पहुंचे ताकि लैंगिक भेदभाव को रोका जा सके। उन्होंने सभी हितधारकों से सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया और आश्वासन दिया कि पूरा प्रशासन सतर्क और प्रतिबद्ध है।

पटना के जिला कार्यक्रम कार्यालय (ICDS) इस अभियान का आयोजन कर रहा है। इसमें शिक्षा, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, IPRD, कल्याण और कृषि विभाग के साथ-साथ जीविका भी शामिल हैं। यह अभियान शराबबंदी, बाल विवाह और दहेज के खिलाफ भी जानकारी दे रहा है। इसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, विकास और सशक्तिकरण को मजबूत करना है। लड़कियों की शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अधिकारियों को जीरो-टॉलरेंस नीति का पालन सुनिश्चित करने के लिए तालमेल बिठाना होगा।

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