बिहार जेलों में सुरक्षा कड़ी: आठ जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी, क्या मिले संदिग्ध सामान?

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बिहार की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए आठ जिलों में शनिवार को बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई। पटना, पूर्णिया, बेगूसराय, मोतिहारी, मुंगेर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और गया की जेलों में वरिष्ठ अधिकारियों ने गहन तलाशी ली। इस दौरान कोई भी आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं हुआ।

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बिहार की जेलों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए शनिवार को आठ जिलों में बड़े पैमाने पर छापेमारी हुई। सुबह-सुबह हुई इन ताबड़तोड़ তলशी में पटना, पूर्णिया, बेगूसराय, मोतिहारी, मुंगेर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और गया की जेलों को खंगाला गया। वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीमों ने जेल के हर कोने की बारीकी से जांच की। यह तलाशी अभियान सूर्योदय से पहले शुरू हुआ और ज्यादातर जगहों पर दो घंटे तक चला।

पटना की बेऊर सेंट्रल जेल में यह अचानक जांच सुबह 5 बजे शुरू हुई, जब कैदी अपने वार्डों में ही थे। सिटी एसपी (ईस्ट) परिचाय कुमार, एसपी (सेंट्रल) दीक्षा, एक मजिस्ट्रेट और आधा दर्जन थानों के अधिकारी जेल के हर बैरक में घुसे। उन्होंने कुछ कैदियों से पूछताछ की और जेल की सुरक्षा व्यवस्था की भी जांच की। जेल अधीक्षक नीरज कुमार झा ने TOI को बताया कि तलाशी के दौरान कोई भी आपत्तिजनक चीज नहीं मिली। पटना के एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने इस कार्रवाई को नियमित बताया और कहा कि इससे जेलों में अनुशासन बना रहता है। उन्होंने कहा, "ये निरीक्षण सुनिश्चित करते हैं कि जेलें सुरक्षित रहें और बाहरी खतरों से मुक्त रहें।"
इसी तरह की कड़ी कार्रवाई अन्य जिलों में भी हुई। बेगूसराय में, डीएम तुषार सिंगला और एसपी मनीष कुमार ने सुबह 9 बजे से दो घंटे तक तलाशी अभियान चलाया। इसमें पुरुष और महिला वार्ड, हाई-सिक्योरिटी सेल, जेल अस्पताल, स्कूल और गोदाम को भी खंगाला गया। नगर आयुक्त सोमेश बहादुर माथुर, सदर एसडीएम अनिल कुमार और एसडीपीओ आनंद कुमार पांडे भी इस टीम में शामिल थे। उन्होंने कैदियों से जेल के अंदर की व्यवस्थाओं के बारे में बात की। एसपी मनीष कुमार ने बाद में पुष्टि की कि जेल का माहौल 'सामान्य' था और कोई भी आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं हुआ।

मुजफ्फरपुर की अमर शहीद खुदीराम बोस सेंट्रल जेल में भी छापेमारी हुई। इस ऑपरेशन का नेतृत्व जिला मजिस्ट्रेट सुब्रत कुमार सेन और एसएसपी सुशील कुमार ने किया। जेल के सभी वार्डों की गहन तलाशी ली गई, लेकिन कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली। जिला मजिस्ट्रेट ने जेल अधीक्षक को जेल में पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने मुजफ्फरपुर के जिला अधीक्षक से होमगार्ड की तैनाती के लिए संपर्क करने और भवन निर्माण विभाग से संबंधित सभी कामों की सूची तैयार कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराने को कहा। उन्होंने कैदियों के लिए मिलने-जुलने की व्यवस्था को मजबूत करने और सभी कैदियों के आपराधिक इतिहास का रिकॉर्ड तैयार करने की भी मांग की।

यह छापेमारी जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के उद्देश्य से की गई थी। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की नियमित जांच से जेलों के अंदर किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि पर रोक लगती है और कैदियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। इन छापों से जेल प्रशासन को भी अपनी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का मौका मिलता है।

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