विक्सित भारत 2047: उत्तर प्रदेश बनेगा सबसे मजबूत स्तंभ, शहरी विकास की नई राह

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उत्तर प्रदेश 2047 तक विकसित भारत का सबसे मजबूत स्तंभ बनने की ओर अग्रसर है। शहरी विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि राज्य में क्षमता और जज्बा है। नीति-निर्माताओं ने टिकाऊ शहरी रोडमैप पर मंथन किया। बुनियादी सुविधाओं के उन्नयन, हवा की गुणवत्ता में सुधार और स्वच्छता पर जोर दिया गया।

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लखनऊ: शहरी विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में 2047 तक 'विकसित भारत' का सबसे मजबूत स्तंभ बनने की क्षमता और जज्बा है। उन्होंने यह बात शहरी विकास विभाग द्वारा आयोजित 'विकसित उत्तर प्रदेश फॉर विकसित भारत 2047 ' थीम पर आधारित एक दिवसीय कार्यक्रम में कही। इस कार्यक्रम में नीति-निर्माताओं और नागरिक नेताओं ने राज्य के शहरों के लिए अगले दो दशकों का एक महत्वाकांक्षी, टिकाऊ और समावेशी शहरी रोडमैप तैयार करने पर मंथन किया। मंत्री ने शहरी क्षेत्रों में हो रहे लगातार सकारात्मक बदलावों पर जोर दिया, जैसे कि बुनियादी सुविधाओं का उन्नयन, हवा की गुणवत्ता में सुधार, और स्वच्छता व सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक मजबूत उत्तर प्रदेश बनाने की सामूहिक जिम्मेदारी पर बल दिया, जिनके मार्गदर्शन में राज्य तेजी से 2047 के लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है।

शर्मा ने शहरी विकास में हो रहे सुधारों को रेखांकित करते हुए कहा कि एकीकृत विकास के लिए "मन, मशीन और प्रबंधन" का त्रय महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को "निवेश का चुंबक" बनाने के लिए शहरी विकास में तेजी लाना बहुत जरूरी है। अपनी विशाल आबादी के कारण राज्य की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका है। प्रमुख सचिव पी गुरु प्रसाद ने सुनियोजित शहरीकरण की तात्कालिकता पर प्रकाश डाला और बताया कि भारत की 75% जीडीपी शहरी क्षेत्रों से आती है। अन्य अधिकारियों ने नए भवन उपनियमों, मास्टर प्लान और दीर्घकालिक उद्देश्यों पर विस्तार से जानकारी दी।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एक मजबूत, टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार शहरी रोडमैप तैयार करना था। विशेषज्ञों और नीति-निर्माताओं ने स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर , शहरी गतिशीलता (अर्बन मोबिलिटी), किफायती आवास (अफोर्डेबल हाउसिंग) और ई-गवर्नेंस पर सत्र आयोजित किए। इस बैठक में महापौरों, नीति आयोग के प्रतिनिधियों और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन राज्य के शहरों को राष्ट्रीय विकास दृष्टिकोण के साथ संरेखित करने की प्रतिबद्धता के साथ हुआ, ताकि वे भविष्य के लिए आधुनिक तकनीक और टिकाऊ मॉडल से लैस हो सकें।

मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में वह क्षमता और दृढ़ संकल्प है कि वह 2047 तक विकसित भारत का सबसे मजबूत स्तंभ बन सके।" उन्होंने शहरी विकास के महत्व को समझाते हुए कहा कि शहरों का विकास देश की आर्थिक प्रगति के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि "मन, मशीन और प्रबंधन" ही शहरी विकास की कुंजी हैं।

प्रमुख सचिव पी गुरु प्रसाद ने शहरीकरण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत की अधिकांश आर्थिक गतिविधि शहरों से आती है। उन्होंने कहा, "75% भारत की जीडीपी शहरी क्षेत्रों से आती है।" उन्होंने यह भी बताया कि शहरीकरण को सुनियोजित तरीके से करना बहुत जरूरी है।

कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरी गतिशीलता, किफायती आवास और ई-गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इन चर्चाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि उत्तर प्रदेश के शहर भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि राज्य के शहरों को राष्ट्रीय विकास के लक्ष्यों के अनुरूप बनाया जाएगा और उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाएगा।

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