पालघर: SBI अधिकारी की सतर्कता से बची सरकारी खजाने की 111 करोड़ की धोखाधड़ी, ठेकेदार गिरफ्तार

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पालघर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने सूझबूझ से 111 करोड़ रुपये की सरकारी धोखाधड़ी रोकी। एक ठेकेदार ने फर्जी चेक पेश कर यह राशि निकालने की कोशिश की थी। बैंक अधिकारी के शक करने पर मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने ठेकेदार और एक संविदा कर्मचारी को गिरफ्तार किया है।

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पालघर: महाराष्ट्र के पालघर जिले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के एक सतर्क अधिकारी ने सूझबूझ दिखाते हुए राज्य सरकार के PWD विभाग के 111 करोड़ रुपये से ज़्यादा की धोखाधड़ी को नाकाम कर दिया। यह घटना तब हुई जब एक स्थानीय ठेकेदार को डिमांड ड्राफ्ट (DD) जारी करने के लिए बैंक में एक चेक पेश किया गया, जिस पर "billion" और "million" जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। बैंक अधिकारी को शक हुआ और उन्होंने तुरंत PWD विभाग से संपर्क कर मामले की पड़ताल की। पता चला कि चेक फर्जी था। इसके बाद पुलिस ने शुक्रवार को ठेकेदार, जो जवाहर नगर पंचायत का अध्यक्ष भी है, और PWD विभाग के एक संविदा कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया।

यह पूरा मामला जवाहर पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को रिमांड पर भेज दिया है और इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस बड़े घोटाले में और भी लोग शामिल हैं।
दरअसल, 7 नवंबर की तारीख वाले एक चेक को बैंक की जवाहर शाखा में पेश किया गया था। इस चेक में 111 करोड़ रुपये और 63 लाख रुपये की राशि लिखी थी। यह राशि ठेकेदार ओवी कंस्ट्रक्शन्स के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट के रूप में जारी करने का अनुरोध किया गया था। यह पैसा PWD विभाग के खाते से निकाला जाना था। यह पैसा असल में ठेकेदारों द्वारा किसी भी टेंडर के लिए आवेदन करते समय जमा की जाने वाली अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) का हिस्सा था।

बैंक अधिकारी को चेक में कुछ ऐसी बातें खटकीं जो सामान्य नहीं थीं। सबसे पहली बात तो यह थी कि चेक पर लिखी रकम में 'million' और 'billion' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था, जो स्थानीय बैंकिंग में बहुत कम इस्तेमाल होते हैं। दूसरी बात यह थी कि PWD विभाग के बजाय कोई तीसरा व्यक्ति, यानी ठेकेदार का कोई प्रतिनिधि, एक पत्र और चेक लेकर बैंक पहुंचा था। इतनी बड़ी रकम के लिए PWD विभाग का कोई अधिकारी खुद बैंक में पेश नहीं हुआ, जिससे बैंक अधिकारी को शक और गहरा हो गया।

इस तरह, एक छोटे से शक और बैंक अधिकारी की सतर्कता ने सरकार के करोड़ों रुपये के गबन को रोक दिया। यह घटना दिखाती है कि कैसे थोड़ी सी जागरूकता बड़े अपराधों को होने से रोक सकती है। पुलिस अब इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है ताकि असली साजिशकर्ता पकड़े जा सकें।

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