PCOS का असली कारण: ओवरी नहीं, पेट की समस्या? जानें डॉक्टर पाल का खुलासा

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महिलाओं में पीसीओएस का इलाज अक्सर नाकाम रहता है। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. पाल ने बताया कि पीसीओएस की जड़ अंडाशय में नहीं, बल्कि आंतों में है। आंतों की सूजन से इंसुलिन और हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है। इससे वजन बढ़ना, मुंहासे और अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याएं होती हैं।

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महिलाओं में पीसीओएस (PCOS) का इलाज सालों से चला आ रहा है, लेकिन कई बार नतीजा सिफर रहता है। हार्मोन ट्रैक करना, डाइट बदलना या दवाएं बदलना, सब बेकार लगने लगता है। इसी निराशा पर हाल ही में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. पाल ने एक वीडियो में बात की। उन्होंने बताया कि क्यों पीसीओएस के कई इलाज फेल हो जाते हैं। उनका कहना है कि पीसीओएस की असली जड़ शायद अंडाशय (ovaries) में नहीं, बल्कि कहीं और गहरी है - हमारे पेट में, यानी आंतों में।

डॉ. पाल ने समझाया कि हमारी आंतें और हार्मोन एक-दूसरे से लगातार जुड़े रहते हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। जब आंतों में सूजन या असंतुलन होता है, तो सबसे पहले इंसुलिन का सिस्टम गड़बड़ा जाता है। इससे ब्लड शुगर अचानक बढ़ता है, फिर तेजी से गिरता है, और वजन इतना जिद्दी हो जाता है कि डाइट या एक्सरसाइज से भी कम नहीं होता।
उन्होंने यह भी बताया कि खराब आंतों का स्वास्थ्य एस्ट्रोजन (estrogen) को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। इस रुकावट का असर हमारी त्वचा और मूड पर दिखता है। मुंहासे, चिड़चिड़ापन और अनियमित पीरियड्स इसी वजह से होते हैं। साथ ही, कोर्टिसोल (cortisol) का लेवल हाई रहता है, जिससे बहुत ज्यादा क्रेविंग (खाने की तीव्र इच्छा), थकान और वह "थका हुआ लेकिन एक्टिव" महसूस होता है, जो कई पीसीओएस वाली महिलाएं बताती हैं।

डॉ. पाल ने अपने कैप्शन में इस चक्र को और विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि इंसुलिन की समस्या, एस्ट्रोजन का असंतुलन और बढ़ा हुआ कोर्टिसोल, इन सबका मूल कारण एक अस्वस्थ आंत है। उनका कहना है कि अगर आंतों के बैक्टीरिया असंतुलित हैं, तो सबसे अच्छी डाइट या दवा भी काम नहीं करेगी। उनके अनुसार, इंसुलिन को स्थिर करना, हार्मोन को संतुलित करना और पीसीओएस के लक्षणों को कम करना, इन सब की शुरुआत आंतों के स्वास्थ्य को ठीक करने से होती है।

क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) तब होता है जब अंडाशय सामान्य से अधिक मात्रा में एंड्रोजन (androgens) बनाते हैं। इससे शरीर के प्रजनन हार्मोन (reproductive hormones) असंतुलित हो जाते हैं। हार्मोनल गड़बड़ी के कारण कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, जो अक्सर धीरे-धीरे सामने आते हैं। क्लीवलैंड क्लिनिक बताता है कि अनियमित पीरियड्स इसके सबसे आम लक्षणों में से एक हैं। इसमें पीरियड्स मिस होना, बिल्कुल न आना या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना शामिल है। कई महिलाओं को चेहरे या शरीर पर अतिरिक्त बाल उगना, चेहरे, छाती या पीठ पर लगातार मुंहासे रहना और वजन बढ़ना या स्वस्थ वजन बनाए रखने में कठिनाई का अनुभव होता है।

अन्य लक्षणों में गर्दन, बगल और जांघों जैसे हिस्सों में त्वचा का गहरा, मखमली हो जाना और ऐसे ही जगहों पर स्किन टैग्स (skin tags) का दिखना शामिल है। अल्ट्रासाउंड में अंडाशय का बड़ा होना या कई छोटे-छोटे फॉलिकल्स (follicles) दिख सकते हैं। कुछ महिलाओं को सिर के बाल पतले होते हुए या जल्दी गंजापन आते हुए भी महसूस होता है। पीसीओएस बांझपन (infertility) का एक प्रमुख कारण भी है, क्योंकि अनियमित ओव्यूलेशन (ovulation) के कारण गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है।

डॉ. पाल की बातों से यह साफ है कि पीसीओएस सिर्फ अंडाशय की समस्या नहीं है, बल्कि यह हमारे पूरे शरीर, खासकर हमारी आंतों के स्वास्थ्य से गहराई से जुड़ा हुआ है। इसलिए, पीसीओएस के इलाज में आंतों को प्राथमिकता देना बहुत जरूरी है।

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