‘वॉश कला को प्रो. सुखबीर ने नई ऊंचाई पर पहुंचाया’

नवभारत टाइम्स
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लखनऊ के कला संग्रहालय में प्रो. सुखबीर की 19वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कला और साहित्य जगत की हस्तियों ने भाग लिया। वक्ताओं ने प्रो. सुखबीर के भारतीय वाश कला में योगदान को सराहा। उन्होंने अपनी कला से गांधी दर्शन को भी चित्रित किया। यह कार्यक्रम कला के प्रति उनके समर्पण को समर्पित था।

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लखनऊ के कला, साहित्य और अन्य क्षेत्रों के गणमान्य लोग शनिवार को कैसरबाग स्थित कला संग्रहालय में प्रो. सुखबीर की 19वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। इस मौके पर प्रो. सुखबीर को याद किया गया और भारतीय वाश कला में उनके योगदान को सराहा गया।

जयकृष्ण ने कहा कि प्रो. सुखबीर ने भारतीय वाश कला को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इतिहासकार डाॅ. रवि भट्ट ने कहा कि लखनऊ की वॉश कला की चर्चा सिंघल के जिक्र के बिना अधूरी है। डाॅ. अवधेश मिश्र ने बताया कि प्रो. सुखबीर ने अपनी कला के ज़रिए गांधी दर्शन को दर्शाया। कार्यक्रम का संचालन प्रियम चंद्रा ने किया। इस श्रद्धांजलि सभा में राज्य ललित कला अकादमी के अध्यक्ष डाॅ. सुनील विश्वकर्मा, सीताराम कश्यप, डाॅ. अनिमा चक्रवर्ती, भूपेंद्र अस्थाना, सुषमा गर्ग, डाॅ. राजेश जायसवाल, रत्न प्रिया, ज्ञानेश्वर शुक्ल जैसे कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।