स्मार्ट प्रीपेड मीटर वैकल्पिक करने के लिए दाखिल की याचिका

नवभारत टाइम्स
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उपभोक्ता परिषद ने राज्य विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर को वैकल्पिक बनाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है। उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर चुनने का विकल्प मिलना चाहिए। प्रदेश में पुराने मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदला जा रहा है।

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लखनऊ: राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सोमवार को राज्य विद्युत नियामक आयोग में एक याचिका दायर की है। उन्होंने मांग की है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर को वैकल्पिक बनाया जाए। परिषद ने सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार को सौंपा है और तत्काल इस संबंध में आदेश जारी करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में साफ कहा गया है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर चुनने का विकल्प उपभोक्ताओं के पास ही रहेगा।

यह याचिका ऐसे समय में आई है जब केंद्र सरकार की रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत पुराने मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदला जा रहा है। इतना ही नहीं, आयोग के पिछले आदेशों के बावजूद, नए बिजली कनेक्शन भी अनिवार्य रूप से स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ ही दिए जा रहे हैं।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अब नियामक आयोग को स्पष्ट आदेश जारी करने चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर को केवल एक विकल्प के तौर पर ही देखा जाए, न कि मजबूरी के तौर पर। उन्होंने जोर देकर कहा कि उपभोक्ताओं को यह अधिकार मिलना चाहिए कि वे अपनी पसंद का मीटर चुन सकें।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर एक ऐसा मीटर होता है जिसमें आपको बिजली इस्तेमाल करने से पहले उसमें पैसे डालने होते हैं, जैसे मोबाइल रिचार्ज करते हैं। अगर पैसे खत्म हो जाते हैं तो बिजली कट जाती है। यह व्यवस्था उपभोक्ताओं को अपने बिजली के खर्च पर बेहतर नियंत्रण रखने में मदद कर सकती है, लेकिन इसे वैकल्पिक बनाना उपभोक्ताओं के लिए अधिक सुविधाजनक होगा।

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