72nd All India Cooperative Week In Dakshina Kannada Rural Development To Get New Momentum
डाक्सिना कन्नड़ में आयोजित होगा 72वां ऑल इंडिया सहकारी सप्ताह, ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने का उद्देश्य
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मंगलुरु में 72वां अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह आयोजित होगा। यह आयोजन ग्रामीण विकास को सहकारिता के माध्यम से मजबूत करेगा। इस दौरान आठ 'सहकारिता रत्न' पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। 'नवोदय' के रजत जयंती समारोह का विशेष अंक भी जारी होगा। तीन संस्थानों को 'सहकारिता माणिक्य' पुरस्कार भी मिलेगा। दुग्ध उत्पादक संघ के दो नए उत्पाद लॉन्च होंगे।
मंगलुरु में होने वाला 72वां अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह राज्य के लिए एक मिसाल बनेगा। यह आयोजन ग्रामीण विकास को सहकारिता संस्थानों के ज़रिए मज़बूत करने के मकसद से किया जा रहा है। इस मौके पर आठ पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा, जिन्हें राज्य सरकार ने 'सहकारिता रत्न' पुरस्कार से नवाज़ा है। साथ ही, 'नवोदय' के रजत जयंती समारोह का एक विशेष अंक भी जारी किया जाएगा। यह कार्यक्रम कर्नाटक राज्य सहकारिता महासंघ लिमिटेड, बेंगलुरु, कर्नाटक राज्य सहकारिता विपणन महासंघ लिमिटेड, बेंगलुरु, दक्षिण कन्नड़ जिला केंद्रीय सहकारिता बैंक के नेतृत्व में आयोजित हो रहा है। इसमें दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिला सहकारिता संघ, दक्षिण कन्नड़ सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ, नवोदय ग्राम विकास चैरिटेबल ट्रस्ट, दोनों जिलों के कृषि सहकारिता समितियां, शहरी सहकारी बैंक, सहकार संघ और सभी तरह की सहकारिता संस्थाएं व सहकारिता विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।
एस.सी.डी.सी.सी. बैंक के अध्यक्ष एम.एन. राजेंद्र कुमार ने शनिवार को मंगलुरु के करावली उत्सव मैदान में तैयारियों का जायज़ा लेते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सहकारिता व्यवस्था के ज़रिए आम लोगों के जीवन में बदलाव लाने के प्रयास दक्षिण कन्नड़ जिले में लगातार सफल हो रहे हैं। इस बार के कार्यक्रम में तीन सहकारिता संस्थानों को 'सहकारिता माणिक्य' पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों की एक-एक उत्कृष्ट कृषि सहकारिता समिति और एक-एक ऋण सहकारिता समिति को 2025 के लिए दिया जाएगा। इसके अलावा, दक्षिण कन्नड़ जिला दुग्ध उत्पादक संघ के दो नए उत्पादों को भी इसी कार्यक्रम में लॉन्च किया जाएगा।यह पूरा आयोजन सहकारिता को और मज़बूत बनाने पर केंद्रित है। सहकारिता का मतलब है मिलकर काम करना। जब लोग मिलकर काम करते हैं, तो वे ज़्यादा सफल होते हैं। यह कार्यक्रम इसी भावना को बढ़ावा देगा। ग्रामीण इलाकों में विकास के लिए सहकारिता बहुत ज़रूरी है। यह किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने में मदद करती है। साथ ही, यह लोगों को आसानी से कर्ज़ (लोन) भी उपलब्ध कराती है।
एम.एन. राजेंद्र कुमार ने कहा कि यह सप्ताह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह सहकारिता की शक्ति को दिखाने का एक मंच है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंगलुरु में होने वाला यह आयोजन पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणा बनेगा। सहकारिता के ज़रिए हम एक बेहतर और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं। यह कार्यक्रम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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