इस दिसंबर पहली बार बढ़ा पारा, अगलेशीतलहर अभी नहीं

नवभारत टाइम्स
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दिल्ली में इस दिसंबर पहली बार पारा सामान्य से ऊपर चढ़ा है। सोमवार को अधिकतम तापमान 26.3 डिग्री दर्ज किया गया। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण यह बदलाव आया है। बुधवार से तापमान में फिर गिरावट आएगी। अगले हफ्ते भी कड़ाके की सर्दी या शीतलहर की संभावना नहीं है। मध्य दिसंबर तक बारिश की भी उम्मीद नहीं है।

delhis temperature rises for the first time in december no immediate possibility of cold wave
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिसंबर की पहली बार अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर चला गया, जिससे दोपहर में सर्दी का अहसास कम हुआ। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण यह बदलाव आया है, लेकिन बुधवार से तापमान फिर गिरेगा। हालांकि, अगले हफ्ते भी कड़ाके की सर्दी या शीतलहर की उम्मीद नहीं है।

सोमवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.5 डिग्री अधिक था। वहीं, न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.9 डिग्री कम था। यह दिसंबर के पहले 8 दिनों में सबसे गर्म दिन साबित हुआ।
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे। जमीन के पास 15 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। 10 से 14 दिसंबर तक भी आंशिक बादल छाए रहेंगे, और अधिकतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान 7 से 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।

नवंबर से लेकर दिसंबर के पहले हफ्ते तक रात का तापमान लगातार सामान्य से कम बना हुआ था। लेकिन पिछले दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर के तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई है। स्काईमेट के मुताबिक, इस बार दिल्ली-एनसीआर में सर्दी ने नवंबर में ही दस्तक दे दी थी। 8 दिसंबर तक आते-आते न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़त हुई है, लेकिन इसे गर्माहट कहना जल्दबाजी होगी।

मध्य दिसंबर तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। बारिश न होने से हवा में नमी कम रहेगी, जिससे घना कोहरा बनने की परिस्थितियां नहीं बनेंगी। आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर का न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास या थोड़ा नीचे रह सकता है। तापमान में बहुत ज्यादा गिरावट या बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। कम से कम मध्य दिसंबर तक शीतलहर की कोई स्पष्ट स्थिति नहीं दिख रही है।

फिलहाल दिल्ली एक 'हाइब्रिड सर्दी' का अनुभव कर रही है। इसका मतलब है कि ठंड अपने पूरे जोर पर नहीं है, लेकिन हवा की गुणवत्ता पहले से भी ज्यादा खराब है। यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ ठंडक तो है, लेकिन कड़ाके की सर्दी का इंतज़ार अभी बाकी है। मौसम विभाग की मानें तो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के असर से तापमान में यह उतार-चढ़ाव आया है। यह पश्चिमी विक्षोभ एक मौसमी घटना है जो उत्तर भारत में मौसम को प्रभावित करती है। इसके कारण अक्सर तापमान में बदलाव आता है, कभी गर्मी तो कभी ठंड बढ़ जाती है।

इस 'हाइब्रिड सर्दी' के दौर में लोगों को ठंड से थोड़ी राहत तो मिल रही है, लेकिन खराब हवा की गुणवत्ता एक नई चिंता बनकर उभरी है। यह स्थिति खासकर उन लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है जिन्हें सांस संबंधी बीमारियां हैं। मौसम विभाग लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और आगे के पूर्वानुमानों के अनुसार सलाह जारी करेगा। फिलहाल, लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम के बदलावों के अनुसार अपने पहनावे में बदलाव करें और हवा की गुणवत्ता पर भी ध्यान दें।

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